Mukhtar Ansari: मुख्तार अंसारी एक तरफ जहां अपराध की दुनिया का बेताज बादशा था, वहीं नेक दिल इंसानों में भी उनकी गिनती होती थी. उसके दर से कोई जरूरतमंद या गरीब निराश नहीं लौटता था. मुख्तार अपने चेहरे पर हंसी लिए उनकी मदद करता था. इसके लिए उसे गरीबों की दुआ भी मिलती थी और वह गरीबों के मसीहा भी कहे जाते थे. मुख्तार की आपराधिक प्रवृत्ति की चर्चा जो लोगों द्वारा की जाती रही है, वह यह है कि उसने कभी कमजोर लोगों को नहीं सताया. गरीबों के लिए उनका दर हमेशा खुला रहता था. यह नहीं, एक वह भी जमाना था, जब मुख्तार अंसारी के इशारे पर विद्युत व्यवस्था चलती थी.
करीब दो दशक पहले गाजीपुर में बिजली आपूर्ति भगवान भरोसे थी. बिजली कब आएगी और कब जाएगी, इसका कोई भरोसा नहीं रहता था. एक-दो घंटे की कौन कहे, कई घंटों तक बिजली कटौती होती थी. जिससे गर्मी के मौसम में लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. उस दौरान बहुबली पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी गाजीपुर जिला जेल में बंद थे.
बिजली कटौती को लेकर लोगों को हो रही परेशानियों को देखते हुए मुख्तार अंसारी ने बिजली आपूर्ति को राइट टाइम करने का निर्णय लिया. इसी क्रम में जैसे ही एनाउंसमेंट के माध्यम से लोगों के कानों तक यह बात पहुंची कि गरीबों के मसिहा मुख्तार अंसारी के प्रयास से शहर को 18 से 20 घंटा बिजली मिलेगी, लोगों के चेहरे खुशी से खिल उठे.
कुछ महीने शाम को 6 से 9 तो कुछ महीने शाम 6 से 8 बजे तक बजे तक कटौती होती थी. बिजली इस कदर राइट टाइम हो गई थी कि इसके जाने और आने पर लोगों को बिना घड़ी देखे ही समय का पता चल जाता था. खास बात यह थी उस समय फाल्ट भी नहीं होता था. मुख्तार अंसारी के प्रयास से महीनों तक शहरवासियों की बिजली आपूर्ति की शानदार सौगात मिली थी. इसके लिए लोग मुख्तार अंसारी की जय-जयकार करते थे.