उफ ये ठंड! जमें आम और खास के पांव, सभी की जुबां यही बात, कैसे मिलेगी राहत

Ved Prakash Sharma
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Weather: पश्चिमी उत्तर प्रदेश में घने कोहरे के बीच पिछले कई दिनों से ठंड लोगों को अपनी ताकत का एहसास करा रही है. ठंड के कहर से अब आम हो खास, सबकी जिंदगी ठिठुरने लगी है. शनिवार को हाड़ कंपाने वाली ठंड के प्रभाव से आम और खास के पांव पूरी तरह से जमें रहे. बाहर की कौन कहे, घरों के अंदर भी ठंड लोगों को झंकझोरती रही. इससे मुकाबला करने के लिए लोगों ने लोगों ने गर्म कपड़ों के साथ ही अलाव का सहारा ले रहे हैं. बावजूद इसके ठंड उन्हें अपनी मौजूदगी का एहसास करा रही है. हर किसी की जुबां पर से यही बात निकल रही है कि इस कड़ाके की ठंड से कैसे राहत मिलेगी.

पिछले कई दिनों से जारी है सर्दी की बेदर्दी
पिछले कई दिनों से सर्दी की बेदर्दी जारी है. राजधानी लखनऊ में दो दिनों से भगवान का दर्शन नहीं हो रहा है. इससे कोहरा के बीच गलन पूरी तरह से बलवान हो गई. गलन का आलम यह है कि शरीर की मशीनरी मानों जम सी गई है.

दो दिनों से नहीं हो रहा भगवान भाष्कर का दर्शन
शुक्रवार को लखनऊ में पूरे दिन धूप नहीं निकली, इससे ठंड का प्रभाव काफी अधिक रहा. लोगों के मन में यह आस थी कि शायद शनिवार को सूर्यदेव आंखे खोले, जिससे सर्दी का प्रभाव में कुछ कमी आए और लोग धूप सेककर अपने को रि-चार्ज कर सके. लेकिन दिन में एक बजे तक भगवान भाष्कर का दर्शन नहीं हुआ और गलन का जबरदस्त प्रभाव बना है.

एक पल के लिए भी तन और मन से जुदा नहीं हो रही ठंड
ठंड के प्रभाव का आलम यह है कि पूरा शरीर ढंकने के बाद भी यह एक पल के लिए लोगों के तन और मन से जुदा नहीं हो रही है. ठंड का असर शहर के मार्गों पर दिखाई दिया. जिन मार्गों हर समय चहल-पहल बना रहता था, आज ठंड के कारण चहल-पहल में कुछ कमी रही.

घरों से वहीं लो बाहर निकल रहे, जिनकी है कुछ मजबूरी
सर्दी की बेदर्दी के बीच घरों से वही लोग बाहर निकले रहे है, जिनकी कोई मजबूरी है. ठंड से बचाव के लिए लोगों को अलावा का सहारा लेना पड़ रहा है. मार्गों पर आवागमन करने वाले लोग गर्म कपड़ों से पूरी तरह से लैश दिख रहे हैं. कंपकंपी को कुछ कम करने के लिए मार्गों पर आवागमन कर रहे कई लोग संगीत गुनगुनाते भी नजर आ रहे हैं.

कोहरे से धीमी हुई वाहनों की रफ्तार
घने कोहरे कारण वाहनों के साथ ही ट्रेनों की रफ्तार भी धीमी हो गई है. लोगों के मन में यह बात थी कि शायद मकर संक्रांति के बाद सर्दी के तेवर में कुछ कमी आएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और ठंड और बलवान हो गई. ठंड जिस तरह से अपनी ताकत का एहसास करा रही है, उससे हर किसी की जुबां पर एक ही बात है कि इस ठंड से कैसे राहत मिलेगी.

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