Swarved Temple: पीएम मोदी ने किया एक हज़ार करोड़ की लागत से बने स्वर्वेद मंदिर का उद्घाटन. जानिए इस मंदिर में क्या है ख़ास?

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Swarved Temple: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वाराणसी के उमराहा इलाके में स्थित सात मंजिला भव्य स्वर्वेद महामंदिर का उद्घाटन किया. उद्घाटन के बाद, उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ उस केंद्र का दौरा किया, जिसमें ध्यान के लिए एक समय में 20,000 लोग बैठ सकते हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने मंदिर की यात्रा के दौरान विहंगम योग के शताब्दी समारोह में भाग लिया. यह उनकी दूसरी यात्रा थी, पहली दिसंबर 2021 में. विहंगम योग की वार्षिक सभा 19वीं सदी के आध्यात्मिक नेता, रहस्यवादी कवि और द्रष्टा सद्गुरु सदाफल देवजी महाराज द्वारा विहंगम योग संस्थान की स्थापना की 100वीं वर्षगांठ मनाती है. महामंदिर में पूज्य संत की मूर्ति है.

मंदिर में क्या है ख़ास
वाराणसी शहर के केंद्र से लगभग 12 किमी दूर उमराहा क्षेत्र में स्थित, महामंदिर 3,00,000 वर्ग फुट में फैला हुआ है और इसकी दीवारों पर मकराना संगमरमर पर उत्कीर्ण स्वर्वेद के 3137 छंदों के साथ खड़ा है. स्वर्वेद एक आध्यात्मिक ग्रंथ है, जो सद्गुरु श्री सदाफल देवजी महाराज, “एक शाश्वत योगी और विहंगम योग के संस्थापक” द्वारा लिखा गया है. 19वीं सदी में जन्मे सद्गुरु सदाफल देव जी महाराज एक आध्यात्मिक नेता, रहस्यवादी कवि और द्रष्टा थे. मंदिर के एक अधिकारी के अनुसार, महामंदिर में सद्गुरु सदाफल देव जी महाराज की मूर्ति है. मंदिर की वेबसाइट के अनुसार, स्वर्वेद महामंदिर आध्यात्मिकता का सात मंजिला मंदिर है और दुनिया का सबसे बड़ा ध्यान केंद्र है, जहां 20,000 लोग एक साथ बैठकर ध्यान कर सकते हैं. महामंदिर की नींव 2004 में सद्गुरु आचार्य स्वतंत्र देव और संत प्रवर विज्ञान देव ने रखी थी.

एक हज़ार करोड़ की लागत से बना मंदिर
स्वर्वेद मंदिर 1000 करोड़ की लागत से बना है. पिछले 20 सालो से यह मंदिर बन रहा है.15 इंजीनियरों की देखरेख और मार्गदर्शन में 600 निर्माण श्रमिकों ने भव्य संरचना को आकार दिया है. जटिल नक्काशी वाली छत और दरवाजे सागौन की लकड़ी से बने हैं. मंदिर में 101 फव्वारे हैं. मंदिर की दीवारों के चारों ओर गुलाबी बलुआ पत्थर की सजावट है और औषधीय जड़ी-बूटियों वाला एक उत्कृष्ट उद्यान है. संत प्रवर विज्ञानदेव की देखरेख में अभी भी निर्माण कार्य चल रहा है.

मंदिर के नाम का अर्थ
मंदिर का नाम स्वर्वेद के नाम पर रखा गया है, जो एक शाश्वत योगी और विहंगम योग के संस्थापक सद्गुरु श्री सदाफल देवजी महाराज द्वारा लिखित एक आध्यात्मिक ग्रंथ है. मंदिर की वेबसाइट के अनुसार, स्वर्वेद महामंदिर का लक्ष्य “मानव जाति को अपनी शानदार आध्यात्मिक आभा से रोशन करना और दुनिया को शांतिपूर्ण सतर्कता की स्थिति में लाना है.” मंदिर स्वर्वेद की शिक्षाओं को बढ़ावा देता है, ब्रह्म विद्या पर जोर देता है – ज्ञान का एक समूह जो आध्यात्मिक साधकों को संपूर्ण ज़ेन की स्थिति बनाए रखने के लिए सशक्त बनाता है, जो शांति और खुशी में अटूट स्थिरता की विशेषता है.

ये भी पढ़े: Dawood Ibrahim Death News: पाकिस्तान में इंटरनेट सेवा ठप! क्या दाऊद इब्राहिम मारा गया?

 

Latest News

Stock Market: शेयर बाजार की मजबूत शुरुआत, जानें सेंसेक्स-निफ्टी की ओपनिंग लेवल

Stock Market: हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन यानी शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत हरे निशान में हुई...

More Articles Like This

Exit mobile version