Prayag Mahakumbha: हिंदूओं का सबसे बड़ा सांस्कृतिक और धार्मिक मेला है महाकुंभ मेला. 2025 में प्रयागराज महाकुंभ मेला लगने वाला है. वहीं योगी सरकार प्रयागराज महाकुंभ 2025 को लेकर अभी से ही तैयारियों में लग गई है. इस बार का महाकुंभ कई मायने में खास रहने वाला है.
प्रदेश सरकार महाकुंभ के जरिए एक बार फिर दुनिया को स्वच्छता का संदेश देगी. इस बार महाकुंभ मेला 13 जनवरी से शुरू होकर 26 फरवरी तक यानी 45 दिन तक चलेगा. इस दौरान 06 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना जताई गई है. सीएम योगी के निर्देश पर टीम इस महा आयोजन को लेकर अभी से तैयारियों में जुट गई है.
2025 का महाकुंभ पूरी तरह ओडीएफ फ्री
योगी सरकार महाकुंभ के क्षेत्रफल में विस्तार के साथ ही इस पूरे आयोजन की पवित्रता को भी बरकरार रखने पर विशेष जोर दे रही है. सीएम योगी के मुताबिक, 2025 का महाकुंभ पूरी तरह ओडीएफ यानी खुले में शौच मुक्त हो. इसके मद्देनजर पूरे कुंभ क्षेत्र में तकरीबन डेढ़ लाख टॉयलेट को स्थापित करने का प्लान है. चार हजार हेक्टेयर में स्थापित किए जाने वाले पूरे कुंभ क्षेत्र को 25 सेक्टरों में बांटा जाएगा और स्वच्छता सुनिश्चित की जाएगी. इसके लिए प्रदेश सरकार स्वच्छताकर्मियों की लंबी-चौड़ी फौज तैनात करेगी.
11 हजार से अधिक स्वच्छताकर्मी और स्वच्छाग्रही संभालेंगे जिम्मेदारी
प्रयागराज महाकुंभ के मद्देनजर योगी सरकार ने तकरीबन ढाई हजार करोड़ का बजट तय किया है. इसमें पूरे कुंभक्षेत्र को अभेद्य बनाने के साथ ही साफ-सफाई को लेकर भी सख्त इंतजाम किये जा रहे हैं. प्रदेश सरकार ने कुंभक्षेत्र में साफ सफाई के लिए 300 करोड़ से अधिक का बजट तय किया है. कुंभक्षेत्र में तकरीबन डेढ लाख शौचालयों का निर्माण कराया जाएगा.
इन शौचालयों में 52 हजार से अधिकर सामुदायिक शौचालय, 53 हजार से अधिक शौचालय विभिन्न टेंटों में, पार्किंग और अप्रोच सड़कों पर 14 हजार से अधिक शौचालय और 20 हजार से अधिक पब्लिक यूरिनल (मूत्रालय) शामिल है. इसके अलावा 120 टिपर-हॉपर ट्रक, 25 हजार से अधिक डस्ट/वेस्ट बिन, 40 कॉम्पैक्टर, 9800 स्वच्छताकर्मी और 1800 स्वच्छता वालेंटियर्स पूरे कुंभक्षेत्र में साफ सफाई की व्यवस्था संभालेंगे.
एप के जरिए शौचालयों की निगरानी
सबसे खास बात ये कि सामुदायिक टॉयलेट का 60 प्रतिशत सेप्टिक टैंक के जरिए इस्तेमाल होगा. वहीं, 40 प्रतिशत टॉयलेट को सोकपिट बेस्ड रखा जाएगा. सरकार इनके रखरखाव पर भी विशेष ध्यान देगी. शौचालयों के रुटीन मेंटेंनेंस और क्लीनिंग के साथ ही स्वच्छताकर्मी ऐप के माध्यम से प्रत्येक टॉयलेट के स्टेटस को विभिन्न पैरामीटर्स पर चेक करते हुए सैनिटेशन सुनिश्चित करेंगे.
साथ ही कंट्रोल रूम के जरिए भी टॉयलेट की सफाई को लेकर निगरानी की जाएगी. प्रत्येक शौचालय के बाहर लगे QR कोड के जरिए पब्लिक भी गंदे शौचालयों से संबंधित शिकायत कर सकेंगे. योगी सरकार इसके लिए वेब बेस्ड ऐप्लीकेशन भी विकसित करेगी. इसके साथ ही स्वच्छाग्रहियों (Sanitation Volunteers) की टीम लगातार टॉयलेट्स की मॉनीटरिंग करेगी. इसके अलावा कुंभक्षेत्र को स्वच्छ रखने के लिए 20 किलोग्राम क्षमता वाले 25 हजार डस्ट-वेस्ट बिन स्थापित किए जाएंगे. इन डस्ट-वेस्ट बिन को 25-25 मीटर के दायरे में रखा जाएगा. इन डस्टबिन को प्रतिदिन 3 बार साफ किया जाएगा.
ये भी पढ़ें:- Sharad Purnima 2023: शरद पूर्णिमा की रात को क्यों रखते हैं खीर, जानिए धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व