Rajasthan News: देश के कई राज्यों में चुनाव होने हैं. राजस्थान के अलावा इस साल विधानसभा चुनाव और अगले साल देश में लोकसभा चुनाव होगा. इससे पहले तामाम सियासी दल अपनी तैयारियों में जुट गए हैं. दरअसल, बीजेपी अल्पसंख्यकों को जोड़ने का प्रयास कर रही है. इसके तहत पार्टी ने मास्टर प्लान बनाया है.
28 राज्यों में होगा बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा सम्मेलन
आपको बता दें कि बीजेपी राष्ट्रीय अल्पसंख्यक मोर्चे ने राजस्थान के हुसैन खान को राष्ट्रीय प्रभारी बनाया है. दरअसल, साल 2014 में मोदी सरकार आने के बाद से ही विपक्ष अल्पसंख्यकों को लेकर बीजेपी पर हमलावर रहता है. इसकी काट बीजेपी ने खोज ली है. अब बीजेपी देश के 28 राज्यों और 8 केन्द्र शासित प्रदेशों में बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा सम्मेलन करेगा. ये अल्पसंख्यक मोर्चा, प्रदेश, जिला और मंडल स्तर पर टीम का गठन करेगा.
टीम गठन के बाद होगा सूफी संवाद
टीम के गठन के बाद सूफी संवाद, अल्पसंख्यक प्रबुद्धजन सम्मेलन, पसमांदा सम्मेलन और महिला सम्मेलन किए जाएंगे. बीजेपी के राष्ट्रीय अल्पसंख्यक मोर्चे ने इसके लिए राजस्थान के हुसैन खान को जिम्मा सौंपा है. इस मामले में हुसैन खान के ने जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इसके लिए प्रदेश स्तर पर 1 संयोजक और 4 सह संयोजक बनाए जाएंगे. इसी तरह जिला लेवल पर भी 1 संयोजक और 4 सह संयोजक बनेंगे. इसके बाद मंडल स्तर पर टीमें बनेगी और सह प्रभारी बनाएं जाएंगे.
इन योजनाओं का मिला फायदा
हुसैन खान ने बताया कि मोदी सरकार की 300 योजनाओं का फायदा 30 से 35 फीसदी अल्पसंख्यकों को मिला है. बीजेपी का दावा है देश में 11 करोड़ शौचालयों में से 2.9 करोड़ अल्प संख्यकों के लिए बनाएं गये हैं. इसके साथ ही 9 करोड़ गैस कनेक्शन में से 2.8 करोड़ अल्पसंख्यकों को ही दिए गए. 46 करोड़ जनधन खातों में से 30 फीसदी खाते अल्पसंख्यकों के खोले गये हैं. 80 करोड़ लोगों को बांटे गए राशन में से 30 फीसदी अल्पसंख्यक समाज शामिल है.
लोकसभा सीटों पर रहेगा मेन फोकस
हुसैन ने कहा कि मुद्रा लोन के तहत 30 फीसदी ऋण अल्प संख्यक को मिला है. इस अभियान के दौरान देशभर में 65 अल्पसंख्यक बहुल लोकसभा सीटों पर भी मेन फोकस होगा. अल्पसंख्यक बहुल लोकसभा सीटों पर 5 हजार मोदी मित्र बनेंगे. आने वाले दिनों में दिल्ली में बड़ा सम्मेलन होगा और अल्पसंख्यक लाभार्थियों से संपर्क कर बीजेपी से जोड़ने की कोशिश होगी.
उन्होंने बताया कि सूफी सम्मेलन के तहत दरगाहों पर जाकर भी सम्मेलन होंगे. राजनीति के जानकारों के अनुसार इस अभियान के पीछे कई राज्यों के विधानसभा चुनावों के साथ ही अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों पर भी बीजेपी की नजर है. बीजेपी चाहती है कि कई कारणों से होने वाले वोटों के नुकसान की भरपाई अल्पसंख्यक वोटों से हो सके. इसके लिए इस पूरी रणनीति पर काम किया जा रहा है. इसको लेकर तेजी से काम किया जा रहा है.