Ram Mandir: रामलला के दरबार में लगेगा 21 क्विंटल का घंटा, इस दिन पहुंचेगा अयोध्या

Shubham Tiwari
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Sub Editor The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Ram Mandir: रविकांत शर्मा/एटा: श्री राम जन्मभूमि अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण तेजी से चल रहा है. 22 जनवरी 2024 को राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है. इसको लेकर जहां एक ओर अयोध्या राम मंदिर में प्रभु रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर तैयारी जोरों पर चल रही है, तो वहीं, दूसरी तरफ देश भर के विभिन्न हिस्सों में राम भक्त अपने-अपने तरीके से प्रभु राम के प्रति श्रद्धा व्यक्त कर रहे हैं.

इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के एटा जिले से रामलला के दरबार में अष्टधातु का 21 कुंतल का घंटा भेजा जा रहा है. इस घंटे को 15 दिसंबर तक अयोध्या भेजे जाने की तैयारी है. इस घंटे को लेकर दावा किया जा रहा है कि, देश भर के मंदिरों से बड़ा घंटा है, जिसके निर्माण में 25 लाख रुपए की लागत आई है और 400 कर्मचारी इस घंटे को बनाने में लगे.

जलेसर के मित्तल फैक्ट्री में बनाया गया घंटा
मिली जानकारी के मुताबिक, पिछले एक साल से अयोध्या के राम मंदिर के लिए जलेसर के मित्तल फैक्ट्री में घंटा बनाया जा रहा था. 21 कुन्तल का घंटा बनाने के लिए मजदूर दिन-रात कार्य कर रहे थे. अष्टधातु के इस घंटे को फिलहाल 15 दिसम्बर को अयोध्या के राम मंदिर ले जाने की तैयारी की जा रही है.

इस सम्बंध में घुँघरू घंटी कारोबारी मनोज मित्तल ने जानकारी दी कि, तीन माह से इस घंटा पर दिन- रात काम करके इसे तैयार करवाया गया है. 21 कुन्तल के वजन के इस घंटे को बनाने के लिए 400 से अधिक कर्मचारी लगे थे. इसकी लागत 25 लाख रूपये के करीब आई है. घंटा बनने की जानकारी सीएम योगी आदित्यनाथ को भेज दी गई हैं, जैसे ही सीएम के पास से तारीख आ जाएगी, वैसे ही घंटा पहुंचा दिया जाएगा. राम मंदिर कमेटी के लोग भी संपर्क में हैं.

घंटे की चौड़ाई है 15 फुट
मनोज मित्तल ने बताया कि, घंटे की चौड़ाई 15 फुट और घंटे की अन्दर की चौड़ाई 5 फुट है. घंटा कुल आठ फुट का है. इसे बनाने में एक साल का समय लगा है और इसके लिए करीब 400 कर्मचारी दिन-रात मेहनत करते रहे. मनोज मित्तल ने दावा करते हुए बताया कि, देशभर के मंदिरों से सबसे बड़ा राम मंदिर का घंटा है. मनोज ने ये भी दावा किया है कि देश भर के मंदिरों में जो भी घंटे लगे हैं, उसमे से सबसे ज्यादा वजन का घंटा है.

जलेसर से ही जाते हैं मंदिरों के लिए घंटे
मनोज मित्तल ने बताया कि देश भर के मंदिरों में और बिकने के लिए घंटा बनकर जलेसर से ही जाते हैं. मनोज ने बताया कि, उज्जैन महाकाल में 700 किलो, जगन्नाथ पुरी 281 किलो, कर्नाटक के अयप्पा में 11 कुन्तल तथा राजस्थान के हनुमान गढ जिले में 700 किलो का घंटा लगा है और ये सभी घंटा यहीं से बनकर गए हैं. आदित्य मित्तल व मनोज मित्तल ने यह भी जानकारी दी कि, यह सबसे बड़े सौभाग्य की बात है, राम मंदिर के लिए घंटे का निर्माण हमारी फैक्ट्री में हुआ है. घंटा बनकर तैयार हो गया है. जैसे ही तारीख मिलेगी, घंटा अयोध्या के राम मंदिर पहुंचा दिया जाएगा.

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