Akhand Path in Ayodhya: सिख समुदाय राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से एक दिन पहले 19 जनवरी से 21 जनवरी तक अयोध्या में गुरुद्वारा ब्रह्मकुंड साहिब में तीन दिवसीय ‘अखंड पाठ’ का आयोजन करने के लिए तैयार है. भाजपा के राष्ट्रिय प्रवक्ता आर पी सिंह ने कहा देश के विभिन्न हिस्सों से सिख अखंड पाठ में भाग लेंगे, इसे प्राण प्रतिष्ठा के लिए आयोजित किया जाएगा, ताकि वह सुचारु रूप से चले.
यह है सीखो और राम मंदिर का संबंध
सीखो, भगवान राम और अयोध्या के बीच संबंध का एक महान इतिहास है, प्रमुख साक्ष्य जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने भी भरोसा किया वह 1510 में गुरु नानक देव जी की राम मंदिर की यात्रा थी. निहंग 1858 में राम मंदिर के अंदर भी गए थे जहा उन्होंने हवनभी किया और परिसर के अंदर दीवार पर ‘ राम’ लिखा.
क्या होता है अखंड पाठ?
अखंड पाठ सिख धर्म में एक मौलिक अनुष्ठान है, जिसका गहरा आध्यात्मिक महत्व है. इसमें सीखो की पवित्र पुस्तक गुरु ग्रन्थ साहिब का अखंड निरंतर शामिल है. यह पाठ 48 घंटो से अधिक समय तक चलता है. पाठकों की एक टीम द्वारा पूरा किया जाता है जो यह सुनिश्चित करता है कि समारोह के समापन तक दिव्य धर्मग्रंथ के शब्द बिना किसी रुकावट के गूंजते रहें.
पहले भी राम मंदिर के लिए किया था अखंड पाठ
आरपी सिंह ने कहा कि 2019 में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले से पहले ‘अखंड पाठ’ और विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है. “राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले, हमने अयोध्या के उसी गुरुद्वारे में ‘अखंड पाठ’ का आयोजन किया था. इसमें कानपुर, हैदराबाद, अमृतसर और देश के अन्य हिस्सों से सिखों ने भाग लिया और राम मंदिर के निर्माण के लिए प्रार्थना की.
यह ‘अखंड’ पथ’ प्राण प्रतिष्ठा के लिए है, और गुरु ग्रंथ साहिब में ‘राम’ शब्द का इस्तेमाल 2,533 बार किया गया है,” उन्होंने कहा. ‘अखंड पथ’ का आयोजन करके, सिख समुदाय का उद्देश्य न केवल अंतरधार्मिक एकजुटता प्रदर्शित करना है, बल्कि धर्म की सीमाओं से परे आस्था और आध्यात्मिकता की जीत का जश्न मनाना भी है.
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