गोरखपुरः रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुकुल सोसायटी की ओर से संचालित गुरुकुल विद्यालय में नवनिर्मित कक्षाओं एवं स्मार्ट क्लास का लोकार्पण किया. इन कक्षों का निर्माण गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) की ओर से किया गया है.
हर बच्चे को उत्तम शिक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध है सरकारः सीएम
इस अवसर पर लोगों को सम्बोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि सरकार हर बच्चे को उत्तम शिक्षा एवं हर व्यक्ति को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए प्रतिबद्ध है. यही कारण है कि 2020 में जब कोरोना काल था, तो देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना से निपटने के लिए बेहतर प्रबंधन में जुटे थे. इसके के साथ अच्छी शिक्षा व्यवस्था के लिए नई शिक्षा नीति पर भी काम किया जा रहा था.
हर साल 10 करोड़ लोगों को पांच लाख रुपये के इलाज की सुविधा
सीएम योगी ने कहा कि नई शिक्षा नीति से विकसित भारत की परिकल्पना सरकार होगी. हम आज की आवश्यकता के अनुरूप पाठ्यक्रम शुरू कर रहे हैं. स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी बहुत काम हुआ है. उत्तर प्रदेश में 10 करोड़ लोगों को हर साल पांच लाख रुपये के इलाज की सुविधा दी जा रही है. आज से सात वर्ष पहले यह कठिन काम था. लोग इलाज के अभाव में दम तोड़ देते थे.
सीएम ने कहा कि प्रदेश के इंटर कालेज एवं संस्कृत विद्यालयों के पुनरोद्धार के लिए भी सरकार की तरफ से पैसा उपलब्ध कराया जा रहा है, जिससे अच्छे माहौल में बेहतर शिक्षा मिल सके और देश के विकास के लिए सुयोग्य नागरिक मिल सकें.
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अच्छी बात है कि गुरुकुल में आज भी हवन, यज्ञ होता है. पुरातन काल में भी गुरुकुल में यह परंपरा रही है. अध्यात्म से जुड़ा होने के कारण विद्यार्थी संस्कारी होते थे. जब से हम अपने मूल्य से अलग हुए, तब से अराजकता देखने को मिलती है. अध्यात्म के जरिए इस अराजकता को खत्म किया जा सकता है.
10 वर्षों में यह गुरुकुल अपना शताब्दी महोत्सव मनाएगा
सीएम योगी ने कहा कि 10 वर्षों में यह गुरुकुल अपना शताब्दी महोत्सव मनाएगा. यहां के प्रबंधन से अपेक्षा है कि इस परिसर के माहौल को बेहतर बनाएं. कोई बच्चा स्वयं को उपेक्षित महसूस ना करे, वह शिक्षा से वंचित न हो.
नौकरी के साथ उद्यमिता के लिए भी बच्चों को तैयार करना होगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज नौकरी के साथ उद्यमिता के लिए भी बच्चों को तैयार करना होगा. उन्होंने कहा कि इस विद्यालय की स्थापना 1935 में हुई थी और कहा जाता है कि इसमें संचालित होने वाली आध्यात्मिक एवं राजनीतिक गतिविधियों के कारण ब्रिटिश सरकार ने पांच साल के लिए बंद रखा था, लेकिन यह फिर शुरू हुई. समय के साथ कोई संस्था या व्यक्ति यदि नहीं चल पाता तो पीछे रह जाता है. यही इस संस्था के साथ भी हुआ. संसाधनों के अभाव में यहां बच्चे कम हो गए. ऐसे में गोरखपुर विकास प्राधिकरण ने यहां पुनरोद्धार का कार्य कराया.