UP: आज (बुधवार) को यूपी विधानमंडल के बजट सत्र का दूसरा दिन है. सदन की कार्यवाही प्रारंभ होने पर विपक्ष ने विधान परिषद में बिजली के निजीकरण का मुद्दा उठाते हुए कहा कि इससे बिजली के दाम बढ़ जाएंगे. विपक्ष के नेताओं ने कहा कि बिजली विभाग के पास किसी भी निजी कंपनी से ज्यादा अनुभव है. निजीकरण को तत्काल रोका जाए.
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने विपक्ष के आरोपों पर बयान दिया कि बिजली का निजीकरण राज्य के लिए जरूरी है. हम कर्मचारियों के हितों का पूरा ध्यान रखेंगे और जो कि राज्य और जनता के हित में है, वो करेंगे. ऊर्जा मंत्री ने कहा कि 2017 में जब भाजपा की सरकार सत्ता में आई तो बिजली विभाग पर एक लाख 42 हजार करोड़ घाटे में था, जिसे हम कम करने का प्रयास कर रहे हैं.
निजीकरण से बिजली के दाम नहीं बढ़ेंगेः एके शर्मा
उन्होंने कहा कि सपा ने जब सरकार छोड़ी तो राज्य में डेढ़ लाख मजरे विद्युतीकरण से बाकी थे. उन्होंने कहा कि यह सच है पिछली सरकारों के कुप्रबंधन और हमारी सरकार के सुधार के प्रयासों के बावजूद बिजली विभाग में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. इसमें सुधार की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि निजीकरण से बिजली के दाम नहीं बढ़ेंगे.
कर्मचारियों की भविष्य की चिंता पर ऊर्जा मंत्री ने कहा कि हम उनके हितों का पूरा ध्यान रखेंगे. उन्हें अलग-अलग निगमों में समाहित करेंगे. हम जो भी कर रहे हैं, वो प्रदेश की जनता को 24 घंटे बिजली देने के लिए कर रहे हैं. राज्य की जनता के हितों को ध्यान में रखकर कर रहे हैं.
बजट में गरीबों और मध्यम वर्ग का विशेष रूप से रखेंगे ध्यानः वित्तमंत्री
सत्र की कार्यवाही प्रारंभ होने से पहले यूपी के वित्तमंत्री सुरेश खन्ना ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि यूपी का बजट जन कल्याणकारी होगा. जनभावनाओं के अनुरूप होगा. गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों का ध्यान रखा जाएगा. ढांचागत विकास का विशेष रूप से ध्यान रखा जाएगा.
वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्ती के महाकुंभ को मृत्युकुंभ बताए जाने पर उन्होंने कहा कि जिन लोगों को जानकारी नहीं होती है, वो इस तरह की भाषा का प्रयोग करते हैं.
अपनी जिम्मेदारी निभाए विपक्षः विधानसभा अध्यक्ष
सदन की कार्यवाही प्रारंभ होने से पहले विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि जनता की भलाई के लिए सदन का सुचारू रुप से चलना बेहद जरूरी है. अपनी जिम्मेदारियों को विपक्ष को ठीक तरह से निभाना चाहिए. जहां जरूरत हो उन्हें सरकार की आलोचना का अधिकार है. बतौर विधानसभा अध्यक्ष मैं सभी को भरोसा दिलाता हूं कि सदन के सभी सदस्यों को उनके मुद्दों को उठाने का पूरा मौका दिया जाएगा.