UP: योगी सरकार यूपी में 2 लाख से अधिक युवाओं को रोजगार उपलब्ध करवाने की तैयारी कर रही है. यह नौकरी सरकारी विभाग द्वारा ट्रेनिंग देकर निजी कंपनियों में उपलब्ध करवाई जाएगी. अग्निशमन विभाग द्वारा ट्रेनिंग के बाद निजी संस्थानों में फायर सेफ्टी ऑफिसर और फायर सेफ्टी पर्सनल के पद पर तैनाती कराई जाएगी. इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर विभाग ने कार्ययोजना तैयार कर ली है.
ट्रेनिंग के बाद इन युवाओं को प्रदेश भर में मॉल, हॉस्पिटल, स्कूल और बड़े कॉमर्शियल बिल्डिंग में नौकरी के अवसर दिए जाएंगे. योगी सरकार की यह पहल एक ओर जहां प्रदेश के युवाओं को रोजगार से जोड़ेगी, वहीं दूसरी ओर प्रदेश को अधिक सुरक्षित, सजग और समय रहते आपदा से निपटने में सक्षम बनाएगी. साथ ही उत्तर प्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य बना जाएगा, जहां युवाओं को फायर फाइटिंग की ट्रेनिंग देकर रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा.
इच्छुक युवाओं दी जाएगी ट्रेनिंग
फायर डिपार्टमेंट की एडीजी पद्मजा चौहान ने बताया कि प्रदेश के निजी भवनों में सिक्योरिटी गार्ड की तरह अनिवार्य रूप से फायर सेफ्टी ऑफिसर और फायर सेफ्टी पर्सनल्स को तैनात करने की कार्ययोजना तैयार की गई है. इसके लिए योग्यता के मानक भी तय कर लिए गए हैं. विभाग द्वारा प्रदेश के इच्छुक युवाओं को एक सप्ताह से लेकर चार सप्ताह की ट्रेनिंग दी जाएगी. इसके बाद उन्हें विभाग द्वारा सर्टिफिकेट प्रदान किया जाएगा.
कहां-कहां होगी तैनाती?
उन्होंने आगे कहा कि इसके बाद प्रदेश के निजी भवनों जैसे, मॉल/मल्टीप्लेक्स, 100 या उससे अधिक बेड की क्षमता वाले हॉस्पिटल, 24 मीटर से अधिक ऊंचाई के गैर आवासीय भवन, 45 मीटर से अधिक ऊंचाई के रेसिडेंशियल बिल्डिंग, 10,000 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल वाले इंडस्ट्रीयल बिल्डिंग में नौकरी उपलब्ध कराए जाएंगे.
इस मामले में देश का पहला राज्य होगा यूपी
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है, जिसने केंद्र सरकार के “मॉडल फायर सर्विस बिल–2019” को मानते हुए “उत्तर प्रदेश अग्निशमन तथा आपात सेवा अधिनियम–2022” लागू किया है. इस एक्ट के तहत प्राइवेट बिल्डिंग्स में ट्रेंड फायर सेफ्टी ऑफिसर के साथ फायर सेफ्टी पर्सनल की तैनाती अनिवार्य है. इन बिल्डिंग्स में फायर सेफ्टी ऑफिसर के साथ, फायर सेफ्टी पर्सनल्स को तैनात करने वाला देश का यूपी पहला राज्य बन जाएगा.
क्या होनी चाहिए योग्यता?
विभिन्न श्रेणियों के भवनों के लिए निर्धारित न्यूनतम अर्हता और अनुभव प्राप्त महिला-पुरुष, जिसकी न्यूनतम आयु 18 वर्ष हो, अपने जिले के किसी भी फायर स्टेशन पर एस सप्ताह की ट्रेनिंग प्रोग्राम के बाद फायर सेफ्टी ऑफिसर बन सकेगा.
इसी प्रकार फायर सेफ्टी पर्सनल के लिए कक्षा–10 पास कोई भी महिला या पुरुष, किसी भी फायर स्टेशन से 4 सप्ताह ट्रेनिंग करके या फायर अलार्म/फायर वॉलंटियर के रूप में लगातार 2 साल तक रजिस्टर्ड रहकर योगदान देने के बाद फायर सेफ्टी पर्सनल बन सकेगा.