शिव की काशी में धरती पर उतरेंगे देवता, असंख्य दीप प्रज्ज्वलित कर मनाई जाएगी देव दीपावली

Shivam
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Varanasi: देव दीपावली पर गंगा में उतरती आस्था की सीढ़ियों पर सनातन की ज्योति से पूरा विश्व दीप्तिमान होगा। काशी की धरती पर शुक्रवार को देवता उतरेंगे। असंख्य दीप प्रज्ज्वलित कर देवताओं के साथ देव दीपावली मनाएंगे। योगी सरकार ने देव दीपावली की पूरी तैयारी कर ली है। कार्तिक पूर्णिमा पर शुक्रवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ नमो घाट का उद्घाटन करेंगे। साथ ही देव दीपावली की शुरुआत करेंगे। इस मौके पर राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी भी रहेंगे।  इनके लिए ख़ास फायर क्राकर शो नमो घाट पर होगा। जनसहभागिता से काशी के घाटों, कुंडों, तालाबों और देवालयों में 17 लाख से अधिक दीप दीप्तिमान होंगे। पुलिस और जल पुलिस ने भी सुरक्षा के पूरे पुख्ता इंतज़ाम कर लिए हैं। सुरक्षा की दृष्टि से वाराणसी को नो फ्लाई जोन में रखा गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ श्री काशी विश्वनाथ और बाबा काल भैरव का दर्शन भी करेंगे।
जनसहभागिता से प्रज्ज्वलित होंगे 17 लाख दीप
काशी के उत्तरवाहिनी जाह्नवी के तट पर शुक्रवार को भगवान देव दीपावली मनाने स्वर्ग से काशी के घाटों पर उतरेंगे। योगी सरकार देव दीपावली को भव्य बनाने के लिए 12 लाख दीपों से घाटों को रोशन कर रही है। जन सहभागिता से इन दीपों की संख्या 17 लाख के पार हो जाएगी। 3 लाख से अधिक दीप गाय के गोबर से बने हैं। ऐसे में काशी के अर्द्धचन्द्राकार घाटों पर जब दीपों की माला पहने हुए माँ गंगा का श्रृंगार और आरती होती है। तो ये छठा और अद्भुत दिखाई देती है। इस अलौकिक, अप्रतिम और दिव्य दृश्य को देखने के लिए देशी और विदेशी पर्यटक बड़े तादाद में काशी पहुंच रहे हैं। देव दीपावली पर 10 लाख से अधिक पर्यटकों के आने की संभावना है। काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के बाद काशी में पर्यटकों की रिकॉर्ड आमद हुई है । देव दीपावली पर होटल ,गेस्ट हाउस ,नाव ,बजरा, बोट व क्रूज़ पहले से बुक हो गए हैं। योगी सरकार काशी के चेत सिंह घाट पर 3डी प्रोजेक्शन मैपिंग लेजर शो आयोजित करा रही है। घाटों के किनारे सदियों से खड़ी धर्म, अध्यात्म, संस्कृत और काशी के पौराणिक इतिहास की गवाह इमारतों पर सनातन की शाश्वत कहानी जीवंत होती दिखेगी। काशी का धार्मिक इतिहास दिखाया जाएगा। पर्यटक गंगा पार रेत पर शिव के भजनों  के साथ ग्रीन क्रैकर्स लेज़र शो भी आनंद ले सकेंगे।
सजावट और सुरक्षा के किये गए है पुख़्ता इंतज़ाम
विश्व विख्यात देव दीपावली को देखने विश्वभर से पर्यटक आते हैं। यहां रंगोली, फसाड लाइट व झालरों से सजावट किया गया है। पर्यटकों की सुरक्षा का कड़ा इंतज़ाम किया गया है। पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने वाराणसी को नो फ्लाई जोन घोषित करते हुए 12 नवंबर की रात से 16 नवंबर की रात तक ड्रोन,पतंग, गुब्बारे, रिमोट संचालित माइक्रो लाइट्स एयरक्राफ्ट ,पैराग्लाइडर आदि बिना अनुमति के उड़ाना प्रतिबंधित है। घाटों पर वाच टावर से निगरानी रखी जाएगी। पर्यटकों की बड़ी तादाद देखते हुए चिकित्सकों की टीम को अलर्ट रखा गया है। गंगा में फ्लोटिंग डिवाइडर से लेन बनाया गया है। नाविकों को निर्धारित पर्यटकों को बैठाने व लाइफ जैकेट पहनने की हिदायत दी गई है। प्रशासन ने नाविकों को हिदायत दी है सभी पर्यटकों को लाइफ जैकेट पहनना अनिवार्य है। नाव पर व्यक्तियों की क्षमता लिखी होनी चाहिए। नाविकों को पर्यटकों से अच्छा व्यवहार करने की नसीहत भी दी गई है। एनडीआरएफ की टीम बचाव उपकरणों, मेडिकल टीम वाटर एम्बुलेंस के साथ विभिन्न घाटों पर श्रद्धालुओं के निःशुल्क उपचार हेतु मौजूद रहेगी। फायर ब्रिगेड के जवान भी मुस्तैद रहेंगे। जल पुलिस के जवान गंगा में तैनात रहेंगे। श्रद्धालुओ व पर्यटकों की भारी भीड़ के अनुमान से ट्रैफिक डाइवर्जन व पार्किन सुनिश्चित कर दिया गया है।
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा और सजावट
बाबा विश्वनाथ की विशेष पूजा की जाएगी। बाबा के दरबार को फूलों से सजाया जा रहा है। यहां लाइटिंग भी की जा रही है। इसके अलावा पूरे धाम में दीप जलाए जाएंगे। ललिता घाट गंगा द्वार को भी दीपों के माध्यम से आकर्षण तरीके से सजाया जा रहा है ।
दशाश्वमेध घाट की महाआरती देगी राष्ट्रीयता का सन्देश ,बलिदानियों को मिलेगा ‘‘भगीरथ शौर्य सम्मान‘‘
दशाश्वमेध घाट पर नियमित होने वाली माँ गंगा की आरती को देव दीपावली पर भव्य स्वरूप दिया जा रहा है। धर्म के साथ राष्ट्रीयता और सामाजिकता का सन्देश देने वाली ये महाआरती कारगिल युद्ध के शहीदों को समर्पित रहती है। इस वर्ष शौर्य की रजत जयंती के रूप में मनाई जा रही है। भारत के अमर वीर योद्धाओं को ‘‘भगीरथ शौर्य सम्मान‘‘ से सम्मानित भी किया जाएगा है। 21 अर्चक व 42 देव कन्याएं ऋद्धि-सिद्धि के रूप में दशाश्वमेध घाट पर महाआरती करेंगी। शंख नाद और डमरुओं की निनाद से घाट गूंजेंगे। गंगा के निर्मलीकरण और स्वच्छता का संदेश-संकल्प भी दिलाया जाएगा। गंगा सेवा निधि द्वारा वेबसाइट http://gangasevanidhi.in का शुभारंभ किया जाएगा। काशी के अन्य घाट पर भी माँ गंगा की भव्य आरती का नज़ारा देखने को मिलेगा। @
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