Varanasi: दीपावली पर परम्पराओं और संस्कृति को रोशनी देने वाले कुंभकारों के चाक की रफ़्तार को योगी सरकार ने बढ़ा दिया है। सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए इलेक्ट्रिक सोलर चाक व प्रशिक्षण ने कुम्भकारों की जिंदगी में सकारात्मक बदलाव लाया है। इनके हाथ के हुनर चाइना के उत्पादों को भी चुनौती दे रहे हैं। मिट्टी को आकार देने में बड़ी तादात में महिलाएं जुड़ी हैं, जो सरकार की नीतियों से आत्मनिर्भर बन कर अपना परिवार संवार रही हैं। कुम्भकार दीपावली के लिए डिजाइनर और इको-फ्रेंडली दीये बना रहे हैं। जिसकी डिमांड ऑनलाइन भी हो रही है।
भारी मात्रा में मिल रहे ऑर्डर ने बढ़ाई खुशियां
मिट्टी को आकार देकर दीयों से रोशनी फ़ैलाने वाले कुम्भकारों के जीवन में मोदी-योगी की सरकार उजाला ला रही है। क्लस्टर के संचालक और काशी पॉटरी के महासचिव, राजेश त्रिवेदी ने बताया कि उनके पास करीब 5 लाख से अधिक दीयों के ऑर्डर है। सरकार द्वारा उपलब्ध कराये गए इलेक्ट्रिक सोलर चाक, अन्य उपकरण और प्रशिक्षण की वजह से प्रतिदिन 40 हज़ार से 50 हज़ार दिये बनाये जा रहे हैं। दीपावली के मौके पर डिमांड पूरी करने के लिए सिर्फ क्लस्टर में करीब 500 आर्टिजन काम कर रहे हैं। एक महिला आम दिनों में एक दिन में 400 कमाती है, लेकिन बाज़ार में मांग के सापेक्ष दीपावली को देखते हुए 1200 रुपये कमा ले रही है। उन्होंने बताया कि क्लस्टर में दीया बनाने वाली 80 प्रतिशत महिलाएं है। वह घर में आर्थिक सहयोग कर रही हैं। वाराणसी में 1500 से अधिक परिवार कुंभकारी के काम में लगे हैं।
वहीं, कुम्भकारी के उत्पादों की कारोबारी अंजू ने बताया, कभी चाइनीज झालर का बाजार में कब्जा था, मगर योगी सरकार के प्रयासों ने लोकल उत्पादों को बड़े स्तर पर बढ़ावा दिया है। दीयों की डिमांड कई गुना बढ़ गई है। सरकार द्वारा दिए गए प्रशिक्षण से हमारे हुनर में निखार आया है। हमारे डिजाइनर दियों से घरों में फ़ैल रही रोशनी से हम सभी के जीवन में खुशहाली फैला रहे हैं।
वहीं, कुंभकार विकास प्रजापति ने बताया, सरकार से मिले इलेक्ट्रिक सोलर चाक से बिजली के बिल की बचत हो रही है। समय से ऑर्डर पूरा हो रहा है। सरकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम से ख़ास दीपावली के लिए डिजाइनर दिए तैयार करने में मदद मिल रही है। मिट्टी के उत्पादों को सुरक्षित पैक करने, रंगने और पकाने का प्रशिक्षण मिला।