विकास के साथ विरासत को संजोते हुए काशी अत्याधुनिक होती जा रही है। योगी सरकार काशी के यातायात को बेहतर बना रही है। अर्बन पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए देश के पहले रोप-वे के कंस्ट्रक्शन का काम काशी में तेजी से चल रहा है। काशी में चलने वाली रोप-वे यातायात के लिए जितना सुगम होगा उतना ही यात्रियों के लिए सुरक्षित भी होगा। आंधी ,बरसात व कोहरा भी गंडोला की गति को रोक नहीं पाएगी। बिजली जाने पर ख़ास तरह की बैकअप व्यवस्था रहेगी।
विकास का पर्याय बन रही काशी में श्री काशी विश्वनाथ धाम के निर्माण के बाद पर्यटकों की संख्या लगतार बढ़ती जा रही। पर्यटकों की सुविधा और यातायात को सुगम बनाने के लिए काशी में करोड़ो की लागत से रोप वे का निर्माण हो रहा है। नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड के अधिकारियो के मुताबिक गंडोला का संचालन लगभग 60 किलोमीटर प्रतिघंटा रफ़्तार से चलने वाली तेज हवा में भी किया जा सकेगा।
लेकिन इससे तेज चलने वाली आंधी में सेंसर अलर्ट कर देगा। ऐसे समय में यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए गंडोला को गैरेज में पार्क कर दिया जाएगा। रोप वे की अत्याधुनिक तकनीक के चलते ठण्ड के दिनों में कोहरे और बारिश में भी रोप -वे चल सकेगा। बिजली जाने पर दो तरह की बैक अप की व्यवस्था रहगी। डीज़ल इंजन तथा डीजल जेनेरेटर होगा जिससे रोपवे चल सकेगा। फर्स्ट फेज के फर्स्ट सेक्शन कैंट से रथयात्रा तक का काम लगभग 75 प्रतिशत से अधिक हो चुका है, जो मई तक पूर्ण होना प्रस्तावित है। सेकंड सेक्शन रथयात्रा से गोदौलिया तक सितंबर तक पूरा होने की सम्भावना है।
हर देढ़ से दो मिनट के अंतराल में यात्रियों को गोंडोला उपलब्ध रहेगी। एक दिशा में एक घंटे में 3000 लोग यात्रा कर सकेंगे। यानि 6000 लोग दोनों दिशा से एक घंटे में आ जा सकेंगे। गोदौलिया से कैंट रेलवे स्टेशन पहुँचने में लगभग 16 मिनट लगेगा। लगभग 45 से 50 मीटर की ऊंचाई से क़रीब 148 ट्रॉली कार चलेगी। एक ट्रॉली में 10 पैसेंजर सवार हो सकते है। रोप वे का संचालन 16 घंटे होगा।