Jharkhand Floor Test: झारखंड को नया सीएम तो मिल गया है. हालांकि सरकार चलाने के लिए बहुमत चाहिए, इसके लिए कल विधानसभा में शक्ति परीक्षण होना है. इसके लिए सत्ता में काबिज झारखंड मुक्ति मोर्चा और उसके गठबंधन में सहयोगी करीब 40 विधायक कल विधानसभा में होने वाले शक्ति परीक्षण में शामिल होने के लिए हैदराबाद से आज रांची लौट रहे हैं. कल विधानसभा में शक्ति प्रदर्शन में सत्तारूढ़ गठबंधन को बहुमत सिद्ध करना होगा.
दरअसल, राज्य में जेएमएम नेता चंपई सोरेन को सीएम बनाने के बाद विधायकों को हैदराबाद के पास एक रिसॉर्ट में रखा गया था. कल सभी विधायकों को रांची में विधानसभा में फ्लोर टेस्ट में हिस्सा लेना है. झारखंड में बहुमत के लिए 41 विधायकों की आवश्यकता है.
जानकारी दें कि झारखंड में कुल 81 विधानसभा सीट हैं. विधानसभा की 81 सीटों में से एक सीट खाली है, इस लिहाज से 80 सीटों की गिनती करने पर बहुमत का आंकड़ा 41 है. वर्तमान में सत्तारूढ़ गठबंधन के पास कुल 46 विधायक हैं. सत्तारूढ़ गठबंधन के पास कुल 46 विधायक हैं. इनमें जेएमएम के 28, कांग्रेस के 16, आरजेडी का एक और सीपीआई (ML) का एक विधायक शामिल है. उधर बीजेपी और उनके सहयोगी के पास कुल 29 विधायक हैं.
अगर राजनीति विश्लेकों की मानें तो अगर कोई बड़ा उलटफेर नहीं होता, झारखंड मुक्ति मोर्चा सरकार फ्लोर टेस्ट में सफल हो जाएगी. हालांकि यह कोई पहली बार नहीं है जब झारखंड की सरकार को शक्ति परीक्षण का सामना करना पड़ रहा है. इससे पहले सितंबर 2022 हेमंत सोरेन की सरकार को फ्लोर से गुजरना पडना था. हेमंत सोरेन ने अपने पक्ष में 48 वोटों के साथ बहुमत का आंकड़ा पार किया था.
झारखंड के सीएम चंपाई सोरेन ने 90 के दशक के अंत में शिबू सोरेन के साथ झारखंड आंदोलन में सक्रियता से भाग लिया था. वह हेमंत सरकार में परिवहन मंत्री थे. वहीं, उन्हें हेमंत सोरेन के परिवार का समर्थन हासिल था.
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