केंद्रीय खाद्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने लोकसभा में बताया, चीनी मिलों ने 2024-25 सीजन के पहले 70 दिनों में गन्ना किसानों को 8,126 करोड़ रुपये का भुगतान किया है. एक प्रश्न के लिखित उत्तर में खाद्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने यह जानकारी दी. खाद्य मंत्री ने आगे बताया, 13 दिसंबर तक कुल देय गन्ना मूल्य 11,141 करोड़ रुपये था.
उन्होंने कहा, गन्ने के बकाये में कमी मौजूदा नीतियों की वजह से आई है. 3,015 करोड़ रुपये का भुगतान लंबित है, जिसमें कर्नाटक में सबसे अधिक 1,405 करोड़ रुपये बकाया है, उसके बाद उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र का स्थान है. भारत में चीनी सत्र अक्टूबर से सितंबर तक चलता है. खाद्य मंत्री जोशी ने कहा कि सरकार की नीतियों की वजह से गन्ने के बकाया में कमी आई है.
वहीं, पिछले 2023-24 सीजन में 1,11,674 करोड़ रुपये के कुल गन्ना बकाये में से लगभग 1,10,399 करोड़ रुपये का पेमेंट किया गया है. इसके बाद 13 दिसंबर तक केवल 1,275 करोड़ रुपये बकाया रह गए हैं, यानी कुल बकाये का 99 प्रतिशत पेमेंट हो चुका है.
चीनी उत्पादन में आई कमी
भारतीय चीनी एवं जैव-ऊर्जा निर्माता संघ के मुताबिक, अक्टूबर से शुरू हुए इस सीजन में 15 दिसंबर तक चीनी उत्पादन में 17% की कमी आई है. इस समय उत्पादन घटकर 61.4 लाख टन रह गया है, जिसका मुख्य कारण महाराष्ट्र में उत्पादन में गिरावट है. हालांकि, इसमें इथेनॉल से बनने वाली चीनी को शामिल नहीं किया गया है.