क्रू-10 दल, जिसमें NASA की ऐनी मैकक्लेन और निकोल अयर्स, जापानी अंतरिक्ष एजेंसी JAXA के टकुया ओनिशी, और रूस की स्पेस एजेंसी रोस्कोस्मोस के कोस्मोनॉट किरिल पेस्कोव शामिल हैं, ISS पर पहुंचकर सुनीता, बुच और क्रू-9 के अन्य दो सदस्यों की जगह लेंगे. यह दल 15 मार्च को ISS पर डॉक करेगा और कुछ दिनों तक एडजस्टमेंट के बाद संचालन की जिम्मेदारी संभालेगा. इसके बाद, क्रू-9 मिशन 19 मार्च के बाद किसी भी समय पृथ्वी पर लौटेगा. सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर ने बोइंग के स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट से यात्रा की थी, जो मूल रूप से एक 8 दिन का मिशन था, लेकिन तकनीकी खराबियों के कारण यह 9 महीने तक खिंच गया. हालांकि, स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट बाद में सुरक्षित पृथ्वी पर लौट आया और कोई बड़ी समस्या नहीं हुई.
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मस्क से की थी अपील
इस मिशन के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने स्पेसएक्स के CEO एलन मस्क से सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर को पृथ्वी पर वापस लाने का कार्य सौंपा था. डोनाल्ड ट्रम्प ने सोशल मीडिया पर लिखा था कि बाइडेन प्रशासन ने इन दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में छोड़ दिया था और अब मस्क उनकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करेंगे. मस्क ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि वे इसे जल्द ही पूरा करेंगे. हालांकि, नासा ने पहले ही स्पेसएक्स को इस मिशन में शामिल कर लिया था, और वे दोनों अंतरिक्ष यात्रियों की वापसी सुनिश्चित करने के लिए स्पेसएक्स का समर्थन कर रहे थे. सुनीता और बुच विलमोर को विशेष रूप से बोइंग और NASA के संयुक्त ‘क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन’ पर ISS भेजा गया था.
इस मिशन का मुख्य उद्देश्य स्पेसक्राफ्ट की क्षमता को साबित करना था कि वह अंतरिक्ष यात्रियों को ISS तक ले जा सकता है और उन्हें सुरक्षित रूप से वापस पृथ्वी पर ला सकता है. इस मिशन के दौरान, सुनीता और बुच को अंतरिक्ष में 8 दिन बिताने थे, जिसमें रिसर्च और एक्सपेरिमेंट भी करने थे. स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट के लॉन्च के समय ही तकनीकी समस्याएं सामने आई थीं. इसके चलते कई बार लॉन्च को स्थगित किया गया. बाद में, स्पेसक्राफ्ट के सर्विस मॉड्यूल में हीलियम लीक होने की समस्या आई. इन समस्याओं के कारण रॉकेट के थ्रस्टर और अन्य उपकरणों में गड़बड़ी आई. इसके बावजूद, मिशन को सफलतापूर्वक संपन्न किया गया और सुनीता तथा बुच को अपनी निर्धारित यात्रा पूरी करने में मदद मिली.