Sunita Williams Returns: भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके सहकर्मी बुच विल्मोर, निक हेग और अलेक्जेंडर गोरबुनोव ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से पृथ्वी पर सुरक्षित वापसी कर ली है. ड्रैगन कैप्सूल ने सुनीला विलियम्स और बुच विल्मोर की भारतीय समयानुसार तड़के लगभग साढ़े तीन बजे फ्लोरिडा के समुद्री तट पर सफल लैंडिंग की. जिस समय ये ड्रैगन कैप्सूल समुद्र में लैंड हुआ उस समय का नजारा भी देखने वाला था.
Tune in for a splashdown!@NASA_Astronauts Nick Hague, Suni Williams, Butch Wilmore, and cosmonaut Aleksandr Gorbunov are returning to Earth in their @SpaceX Dragon spacecraft. #Crew9 splashdown is targeted for 5:57pm ET (2157 UTC). https://t.co/Yuat1FqZxw
— NASA (@NASA) March 18, 2025
बीच समुद्र में ड्रैगन कैप्सूल के लैंड होते ही NASA का दल स्पीड बोट्स की मदद से उस कैप्सूल तक पहुंचे. जब नासा का दल ड्रैगन कैप्सूल के पास पहुंचा तो उस दौरान समुद्र में डॉल्फिन का एक झुंड भी सुनीता विलियम्स के स्वागत में वहां मौजूद था. खास बात ये रही कि डॉल्फिन्स का झुंड ड्रैगन कैप्सूल के आसपास ही काफी देर तर घूमता रहा है, ऐसा लगा कि ये डॉल्फिन्स भी समुद्र से बार-बार बाहर निकलकर क्रू-9 के तमाम सदस्यों का स्वागत कर रहा है. बता दें कि सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर ने 6 जून 2024 को बोइंग के स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान पर सवार होकर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए अपना मिशन शुरू किया था.
अंतरिक्ष यात्रियों ने ताजी हवा में ली सांस
रिकवरी वेसल पर स्पेसएक्स क्रू ड्रैगन कैप्सूल को खोला गया और अंतरिक्ष यात्रियों काफी समय बाद ताजी हवा में सांस ली. फिर चारों यात्रियों को बारी-बारी से कैप्सूल से बाहर निकाला गया. क्रू-9 कमांडर निक हेग कैप्सूल से सबसे पहले बाहर निकले. इसके बाद अलेक्जेंडर बाहर आए और फिर सुनीता विलियम्स और आखिर में बुच विल्मोर बाहर आए. सभी ने चेहरे पर मुस्कान के साथ और हाथ हिलाते हुए अभिवादन किया. उन्हें एक रोलिंग स्ट्रेचर पर बैठाकर ले जाया गया. जब स्पलैशडाउन हुआ तो उस समय मौसम ने साथ दिया.
कैसे हुई धरती पर वापसी, पढ़ें कब क्या-क्या हुआ
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2.38 AM: ड्रैगन कैप्सूल से ट्रंक सफलता के साथ अलग हो गया. इसके साथ सबसे मुश्किल 46 मिनट शुरू हो गए. चारों अंतरिक्षयात्री अब धरती में ओर बढ़ने ही वाले हैं.
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2.50 AM: वह पल शुरू हुआ जब पूरा कैप्सूल आग के गोले में बदल गया. धरती के वातावरण में घर्षण के कारण 3500 फारेनहाइट तक कैप्सूल तप जाता है. इसका मतलब है कि तापमान इतना बढ़ जाता है कि लोहा भी पानी हो जाए. लेकिन कैप्सूल में लगीं विशेष धातुएं कैप्सूल को गर्मी से बचाती हैं. आगे केे सबसे मुश्किल मिनटों में कैप्सूल का सिग्नल भी टूट जाता है. नासा के मुताबिक यह समय करीब सात से 10 मिनट तक का रहता है.
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2.54 AM: नासा के कमेंटेटर बता रहे थे कि कैप्सूल जब धरती से करीब 18 हजार फीट नजदीक आएगा तो इसकी रफ्तार 350 मील (करीब 500 किलोमीटर) के करीब हो जाएगी.
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2.56 AM: नासा के सभी साइंटिस्ट की नजरें स्क्रीन पर टिकी हुई थी. धड़कनें बढ़ाने वाला पल शुरू हो गया.
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3.19 AM: ब्लैकआउट फेज जारी. आग के गोला जैसा दिखाई दे रहा ड्रैगन फ्रीडम कैप्सूल. हीट शीट सभी यात्रियों को सुरक्षित रखती हैं. इस दौरान ग्राउंड से सभी कम्यूनिकेशन हट जाता है.
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3.24 AM: सुनीता विलियम्स समेत अन्य अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर आ रहा ड्रैगन कैप्सूल वायुमंडल पार कर गया है. पैराशूट खुल गया है. इससे यान की गति कम होगी.
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3.27 AM: पैराशूट के साथ ड्रैगन कैप्सूल फ्लोरिडा तट से लगे समंदर में उतरा.
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3.28 AM: सुनीता विलियम्स धरती पर लौट आई हैं हैं. उनका ड्रैगन कैप्सूल समंदर में सुरक्षित उतर गया है. ये ऐतिहासिक पल था.