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Patanjali Advertising Claim: साक्ष्य-आधारित दवा को बदनाम करने के लिए बाबा रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के खिलाफ कार्रवाई की मांग वाली इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि की दवा को लेकर जारी विज्ञापन में किए गए दावे पर नाराजगी जाहिर की है. जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह ने कहा, “मैं प्रिंटआउट और एनेक्चर भी लाया हूं.
हम आज बहुत सख्त आदेश पारित करने जा रहे हैं. आप कैसे कह सकते हैं कि आप ठीक कर देंगे? हमारी चेतावनी के बावजूद आप कह रहे हैं कि हमारी चीजें रसायन आधारित दवाओं से बेहतर हैं?” बेंच ने फिलहाल मामले को पासओवर कर दिया है. जस्टिस अमानुल्लाह ने कहा, हमारे आदेश के बाद भी आपमें यह विज्ञापन लाने का साहस है.
बता दें, बीते साल 21 नवंबर को भी इस मामले पर सुनवाई हुई थी. उस वक्त सुप्रीम कोर्ट ने आधुनिक चिकित्सा प्रणाली के खिलाफ भ्राम फैलाने वाले विज्ञापन के दावे को लेकर फटकार लगाई थी. भ्रामक विज्ञापन को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने याचिका दायक की थी.