Swami Vivekananda Death Anniversary: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दार्शनिक और भिक्षु स्वामी विवेकानंद की 122वीं पुण्यतिथि पर गुरुवार को उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि उनकी शिक्षाएं लाखों लोगों को ताकत देती हैं. पीएम मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘मैं स्वामी विवेकानंद को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. उनकी शिक्षाएं लाखों लोगों को ताकत देती हैं.’’ उन्होंने आगे कहा, ‘‘‘उनकी बुद्धिमत्ता और ज्ञन की अथक खोज भी बहुत प्रेरक हैं. हम एक समृद्ध और प्रगतिशील समाज के उनके सपने को पूरा करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं.’’
I pay homage to Swami Vivekananda on his Punya Tithi. His teachings give strength to millions. His profound wisdom and relentless pursuit of knowledge are also very motivating. We reiterate our commitment to fulfil his dream of a prosperous and progressive society.
— Narendra Modi (@narendramodi) July 4, 2024
स्वामी विवेकानन्द के बारे में…
स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को पश्चिम बंगाल के कोलकाता में हुआ था. वे एक दार्शनिक, भिक्षु और धार्मिक शिक्षक थे. उनका पूरा नाम नरेन्द्रनाथ दत्त था. भारतीय रहस्यवादी रामकृष्ण परमहंस के शिष्य विवेकानन्द ने भारतीय संस्कृति को दुनिया भर में लोकप्रिय बनाया. उन्होंने हिंदू दर्शन के मूल सिद्धांतों को प्रचारित करते हुए संयुक्त राज्य अमेरिका, इंग्लैंड और यूरोप में कई भाषण दिए. अध्यात्म और वेदांत में रुचि रखने वाले, विवेकानन्द 1893 में शिकागो की धर्म संसद में लोकप्रिय हुए, जहाँ उन्होंने अपना प्रसिद्ध भाषण दिया, जिसकी शुरुआत इन शब्दों से हुई, “अमेरिका की बहनों और भाइयों…”.
स्वामी विवेकानंद जी की जीवनी
जन्म तिथि- 12 जनवरी, 1863
जन्म स्थान- कलकत्ता, बंगाल प्रेसीडेंसी
माता-पिता- भुवनेश्वरी देवी (माता) और विश्वनाथ दत्ता (पिता)
शिक्षा- कलकत्ता मेट्रोपॉलिटन स्कूल; प्रेसीडेंसी कॉलेज, कलकत्ता
संस्थान- रामकृष्ण मठ; रामकृष्ण मिशन; न्यूयॉर्क की वेदांत सोसाइटी
धार्मिक दृष्टिकोण- हिंदू धर्म
दर्शन- अद्वैत वेदांत
प्रकाशन- कर्म योग (1896); राज योग (1896); कोलंबो से अल्मोड़ा तक व्याख्यान (1897); माई मास्टर (1901)
मृत्यु- 4 जुलाई, 1902
मृत्यु स्थान- बेलूर मठ, बेलूर, बंगाल
स्मारक- बेलूर मठ, बेलूर, पश्चिम बंगाल
चाय के शौकीन थे विवेकानंद
स्वामी विवेकानंद चाय पीने के शौकिन थे. उनको अलग-अलग प्रकार की चाय पीने का शौक था. आपको बता दें कि स्वामी जी को चाय के अलावा तले हुए आलू को कुछ मसालों के साथ मिलाकर खाना भी बेहद पसंद था.
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