Taj Mahal: आगरा में हाल ही में हुई भारी बारिश के बाद ताजमहल की दीवारों, फर्श और अन्य हिस्सों को क्षति पहुंची है, इस दौरान उसके दीवारों में दरारें आने लगी है. साथ ही उसके फर्श के पत्थर उखड़ने लगे है. इसकी जानकारी देते हुए टूरिस्ट गाइड फेडरेशन ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय महासचिव शकील चौहान ने दी.
इस दौरान उन्होंने बताया कि मुख्य गुंबद के चारों ओर के दरवाजों पर अरबी में कुरान की आयतें लिखी हुई हैं, जिनके अक्षर भी घिस गए हैं. दीवारों में पिएट्रा ड्यूरा की जटिल तकनीक से जड़े गए अर्ध-कीमती पत्थरों को भी नुकसान हुआ है. वहीं, पश्चिमी दिशा में शाही मस्जिद के सामने फर्श से पत्थर उखड़ गए हैं , जबकि मुख्य मकबरे के कुछ हिस्सों और प्रतिष्ठित गुंबद की दीवारों को भी क्षति पहुंची है.
टूरिस्ट गाइड वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष ने उठाए सवाल
वहीं, टूरिस्ट गाइड वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष दीपक दान ने एएसआई (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) से सवाल किया कि उन्होंने ऐसा कौन सा अध्ययन किया है, जो वो ये दावा कर रहे हैं कि स्मारक में कोई संरचनात्मक समस्या नहीं है? उन्होंने कहा कि ताजमहल एक विश्व-प्रसिद्ध स्मारक है, और कोई भी नकारात्मक प्रचार तेजी से फैलता है, जिससे देश के छवि को नुकसान पहुंचता है.
एएसआई ने कही ये बात
जबकि एएसआई का दावा है कि ताजमहल में “कोई गंभीर संरचनात्मक समस्या” नहीं है. उसके रखरखाव के लिए ढिलाई, भ्रष्टाचार और धन के कुप्रबंधन के आरोपों को संबोधित करते हुए एएसआई ने कहा कि “ताजमहल के रखरखाव पर खर्च किए गए धन का समय-समय पर ऑडिट किया जाता है. ऐसे में अब तक इन ऑडिट में कोई चिंता नहीं जताई गई है.
दीवार पर उगे पौधा
हालांकि इससे पहले मकबरे के केंद्रीय गुंबद की दीवार पर पौधा उगने को लेकर रिपोर्ट किया था. वहीं, इस इमारत में एक स्थान से बारिश का पानी रिसने की भी बात कही गई है, जिसकी बूंदें नीचे मुगल सम्राट शाहजहां और उनकी पत्नी मुमताज महल की कब्रों तक पहुंच रही थीं. जिसपर ASI ने कहा कि लगातार भारी बारिश के कारण ऐसा हुआ है, फिलहाल उसे ठीक किया जा रहा है. इसके अलावा और कोई गंभीर संरचनात्मक समस्या नहीं है.
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