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The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Tamil Nadu Floods: चक्रवाती तूफान फेंगल ने तमिलनाडु और पुडुचेरी में भारी तबाही मचाई है. इसके प्रभाव से पिछले दो-तीनों में हुई मूसलाधार बारिश से कई इलाकों में बाढ़ आ गई है. उत्तरी तमिलनाडु के विल्लुपुरम जिले में सड़कों और घरों में पानी भर गया है. तिरुवन्नामलाई जिले में एक घर के भूस्खलन की चपेट में आने से पांच बच्चों सहित 7 लोगों की मौत हो गई.
तमिलनाडु में आई बाढ़ के हालात पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने मंगलवार को तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन (M K Stalin) से फोन पर बात की. इस दौरान उन्होंने तमिलनाडु में बाढ़ की स्थिति पर बात की और राज्य को हर तरह की मदद पहुंचाने का भरोसा दिलाया है.
सरकार से जुड़े आधिकारिक सूत्रों ने बताया, पीएम मोदी ने आज, मंगलवार को मुख्यमंत्री स्टालिन से बात की और राज्य के कई हिस्सों में आई विनाशकारी बाढ़ की स्थिति के बारे में जानकारी हासिल की. साथ ही स्टालिन को केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव मदद और समर्थन का आश्वासन भी दिया.
पीएम मोदी से CM स्टालिन ने मांगी मदद
इससे पहले, सीएम स्टालिन ने कल सोमवार को कहा था, चक्रवाती तूफान फेंगल ने राज्य में भीषण तबाही मचाई है. पीएम मोदी से उन्होंने 2,000 करोड़ रुपये की अंतरिम राहत तुरंत जारी करने का अनुरोध भी किया. उन्होंने कहा, इस राशि का इस्तेमाल प्रशासन को क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचों और आजीविका की अस्थायी बहाली के लिए किया जाएगा.
चक्रवात फेंगल पिछले महीने 23 नवंबर को कम दबाव वाले क्षेत्र के रूप में उभरा और दक्षिणी राज्य तमिलनाडु के 14 जिलों में भीषण तबाही मचाई. सीएम स्टालिन ने पीएम मोदी को लिखे अपनो पत्र में कहा, शुरुआत में, तिरुवरुर, तंजावुर, मयिलादुथुराई और नागपट्टिनम जिलों में भारी बारिश हुई. इसके अलावा राजधानी चेन्नई, तिरुवल्लूर, चेंगलपट्टू, कांचीपुरम और विल्लुपुरम जैसे जिलों में अत्यधिक भारी बारिश हुई.
फिर एक दिसंबर को जब इन इलाकों में तूफान आया तो कुड्डालोर, कल्लकुरिची, विल्लुपुरम और तिरुवन्नामलाई में सड़कों और बिजली लाइनों को भारी नुकसान पहुंचा. हवा की स्पीड 90 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच गई थी जिससे कई जगहों पर ये उखड़ गए थे. इसके अलावा धर्मपुरी, रानीपेट, कृष्णगिरि, वेल्लोर और तिरुपथुर के अंदरूनी जिलों में भी भारी बारिश और बाढ़ से खासा नुकसान पहुंचा. सीएम ने कहा, राज्य सरकार की ओर से इन नुकसानों के शुरुआती आकलन से पता चला है कि अस्थायी बहाली प्रयासों के लिए करीब 2,475 करोड़ रुपये की जरुरत है.