पेंशनभोगियों और बुजुर्गों के लिए डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र का आंकड़ा रिकॉर्ड एक करोड़ के पार: केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

महीने भर चलने वाले विशेष अभियान के दौरान देशभर में पेंशनभोगियों ने एक करोड़ डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र बनाए हैं. इसी महीने की शुरुआत में पेंशनभोगियों के डिजिटल सशक्तिकरण के लिए राष्ट्रव्यापी डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र अभियान 3.0 की शुरुआत की गई थी. यह अभियान 1 से 30 नवंबर तक भारत के 800 शहरों और कस्बों में चलाया जा रहा है. उक्‍त बातें केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह (Jitendra Singh) ने मंगलवार को कही. उन्होंने आगे कहा, “पेंशनभोगियों और बुजुर्ग नागरिकों की सुविधा के लिए शुरू किए गए डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र ने चल रहे अभियान में रिकॉर्ड एक करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया है.”

यह अभियान पीएम मोदी के विजन को करेगी पूरा- जितेंद्र सिंह

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, यह उपलब्धि बुजुर्ग नागरिकों के जीवन को आसान बनाने में एक लंबा रास्ता तय करेगी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मन की बात’ के हालिया एपिसोड में व्यक्त किए गए विजन को पूरा करेगी. उन्‍होंने कहा कि अब डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र की सुविधा मिलने से चीजें बहुत आसान हो गई हैं, बुजुर्गों को बैंक जाने की जरूरत नहीं पड़ती. बुजुर्गों को तकनीक के कारण किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता. बुजुर्गों को तकनीक के प्रति जागरूक बना रहे हैं. पीएम मोदी ने रविवार को ‘मन की बात’ के 116वें एपिसोड में कहा था, “ऐसे ही प्रयासों से आज डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र पाने वालों की संख्या 80 लाख को पार कर गई है.

इनमें से 2 लाख से ज्यादा बुजुर्ग ऐसे हैं, जिनकी उम्र 80 साल से भी ज्यादा हो गई है.” केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने आगे कहा कि पेंशनभोगियों के डिजिटल सशक्तिकरण के लिए पीएम मोदी का विजन डीएलसी अभियान 3.0 (DLC 3.0) के सफल कार्यान्वयन के माध्यम से प्राप्त किया जा रहा है. केंद्रीय मंत्री ने कहा, सभी प्रमुख हितधारक पेंशन वितरित करने वाले बैंक, पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग, रक्षा लेखा महानियंत्रक, रेल मंत्रालय, दूरसंचार विभाग, डाक विभाग, आईपीपीबी, यूआईडीएआई और पेंशनभोगी कल्याण संघ, इस दृष्टिकोण को साकार करने के लिए पूरी सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं.

फेस ऑथेंटिकेशन से 30 लाख डीएलसी तैयार

कार्मिक मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, 26 नवंबर, 2024 तक तैयार किए जाने वाले 1 करोड़ डीएलसी में से 30,34,218 यानी 30% से अधिक चेहरे के प्रमाणीकरण के माध्यम से तैयार किए गए थे. डीएलसी अभियान 3.0 के तहत फेस ऑथेंटिकेशन के माध्यम से प्रस्तुत डीएलसी में 202 गुना वृद्धि हुई है. केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, यह उपलब्धि भारत सरकार की हर पेंशनभोगी के लाभ के लिए डिजिटल उपकरणों का उपयोग करने की अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण है.

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