2025 में 76वां गणतंत्र दिवस मनाएगा भारत, इस देश के राष्ट्रप‍ति हो सकते हैं कर्तव्य पथ के मेहमान

Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

76th Republic Day Chief Guest: भारत 26 जनवरी 2025 को अपना 76वां गणतंत्र दिवस मनाने वाला है. गणतंत्र दिवस के मौके पर हर साल की तरह इस बार भी नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर भव्य परेड का आयोजन किया जाएगा, जिसमें देश की सांस्कृतिक विविधता और सैन्य शक्ति का शानदार प्रदर्शन होगा. हर साल की तरह इस साल भी रिपब्लिक डे पर चीफ गेस्‍ट आएंगे. गणतंत्र दिवस में शामिल होने के लिए भारत सरकार कई विदेशी मेहमानों को निमंत्रण भेज रही है.

खबर है कि आगामी रिपब्लिक डे पर मुख्य अतिथि के रूप में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो भारत आ सकते हैं. अगर ऐसा होता है, तो यह चौथी बार होगा जब कोई इंडोनेशिया के नेता भारत के गणतंत्र दिवस पर चीफ गेस्‍ट होगा.

इंडोनेशिया के राष्ट्रपति हो सकते हैं चीफ गेस्‍ट  

इंडोनेशियाई सेना को परेड का हिस्‍सा बनने के लिए भी आमंत्रित किया जा सकता है. हालांकि, अभी भारत की ओर से इस पर अंतिम मुहर नहीं लगाई गई है. लेकिन इसकी कवायद जारी है. सुत्रों के मुताबिक, इस महीने के लास्‍ट तक ब्राजील में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान उनके और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच बैठक की तैयारी चल रही है. माना जा रहा है कि बैठक में इस पर चर्चा होगी और मुहर लग सकती है. भारत सरकार ने कई शुरुआती प्रयासों में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुबियंतो की नई सरकार से संपर्क किया है.

पहले गणतंत्र दिवस में भी इंडोनेशिया के नेता थे चीफ गेस्‍ट

जानकारी दें कि 1950 में भारत के पहले गणतंत्र दिवस के मौके पर तत्कालीन इंडोनेशियाई राष्ट्रपति सुकर्णो मुख्य अतिथि रहे. तब से अब तक तीन बार इंडोनेशिया के नेता भारत के गणतंत्र दिवस पर बतौर चीफ गेस्‍ट आ चुके हैं. साल 2011 में तत्कालीन इंडोनेशियाई राष्ट्रपति सुसीलो बामबांग युधोयोनो भारत के गणतंत्र दिवस में शामिल हुए थे.  इसके बाद साल 2018 में इंडोनेशियाई राष्ट्रपति जोको विडोडो अन्य एशिया नेताओं के साथ चीफ गेस्‍ट थे.

भारत और इंडोनेशिया के संबंध

भारत का इंडोनेशिया के साथ मजबूत आर्थिक, रक्षा और सांस्कृतिक संबंध हैं. दरअसल, ये दोनों देश समुद्री पड़ोसी हैं. दोनों देशों के बीच अंडमान-निकोबार द्वीप समूह और आचे के बीच संपर्क बढ़ाने के बारे में चर्चा चल रही है, खास तौर पर समुद्री मार्गों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें :- Shamli: भैयादूज की कोथली लेकर जा रहे चाचा-भतीजे की सड़क हादसे में मौत

 

 

More Articles Like This

Exit mobile version