बेंगलुरु मेट्रो को टीटागढ़ रेल ने सौंपी भारत की पहली चालक रहित मेड-इन-इंडिया ट्रेन

Shivam
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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टीटागढ़ रेल सिस्टम्स लिमिटेड ने सोमवार (6 जनवरी) को बेंगलुरु मेट्रो रेल कॉरपोरेशन की येलो लाइन को अपना पहला चालक रहित मेड-इन-इंडिया ट्रेनसेट सौंपा, जो भारत की शहरी गतिशीलता यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ. कंपनी ने पश्चिम बंगाल के उत्तरपारा में अपनी मेट्रो विनिर्माण सुविधा में इस ट्रेन का निर्माण किया.

अत्याधुनिक प्रदर्शन के लिए डिजाइन की गई स्टेनलेस स्टील बॉडी वाली स्वचालित ट्रेन इलेक्ट्रॉनिक्स सिटी को बेंगलुरु के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाले 18 किलोमीटर के हिस्से पर चलेगी. केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल, जो वर्चुअल रूप से समारोह में शामिल हुए, ने टीटागढ़ रेल सिस्टम की सराहना की.

उन्होंने कहा, ‘जैसा कि हम बेंगलुरु मेट्रो की नई ट्रेनसेट का उद्घाटन करते हैं और 1,000 किलोमीटर की परिचालन मेट्रो रेल को पार करते हैं, हम भारत की शहरी गतिशीलता यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर का जश्न मनाते हैं. भारत अब मेट्रो रेल में वैश्विक स्तर पर तीसरे स्थान पर है, हमारा लक्ष्य पांच साल के भीतर संयुक्त राज्य अमेरिका से आगे निकलना है.’

टीटागढ़ रेल सिस्टम के प्रबंध निदेशक उमेश चौधरी ने कहा कि ट्रेन में उन्नत स्वचालन शामिल है, जो इसे चालक रहित मोड में संचालित करने में सक्षम बनाता है. कंपनी ने कहा, ‘यह एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, क्योंकि यह बैंगलोर मेट्रो की येलो लाइन के लिए पूरी तरह से भारत में निर्मित पहली मेट्रो ट्रेन और टीटागढ़ रेल सिस्टम्स लिमिटेड द्वारा पहला स्टेनलेस स्टील ट्रेनसेट है.

यह स्वदेशीकरण में भारत की प्रगति और वैश्विक रेल विनिर्माण केंद्र के रूप में इसकी बढ़ती भूमिका को दर्शाता है, जो प्रधानमंत्री के विकसित भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप है.’ टीटागढ़ अप्रैल तक येलो लाइन पर दो और ट्रेनसेट वितरित करेगा और सितंबर 2025 तक प्रति माह दो ट्रेनें देने के लिए उत्पादन बढ़ाएगा.

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