Train Accidents: आज सुबह पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में बड़ा रेल हादसा हो गया. इस हादसे में अब तक 15 लोगों की मौत हो गई है. जबकि 30 लोगों के घायल होने की खबर है. बिहार-बंगाल की सीमा पर रंगा पानी और निजबाड़ी के पास हुए रेल हादसे की जांच शुरू हो गई है.
कांग्रेस कर रही इस्तीफे की मांग
बुरी तरह क्षतिग्रस्त तीन बोगियों के अंदर रेलवे की टीम लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन करने में लगी हुई है. वहीं, अब इस रेल हादसे पर सियासत होनी भी शुरू हो गई है. विपक्ष ने मोदी सरकार पर हमला करते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को इस्तीफा देने की बात कही है. कांग्रेस ने एनडीए सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि एनडीए गठबंधन के प्रमुख सहयोगी नीतीश कुमार ने एक बार दुर्घटना के कारण इस्तीफा दे दिया था. वहीं, वैष्णव को उनके पिछले कार्यकाल के दौरान रिकॉर्ड संख्या में दुर्घटनाओं के लिए पुरस्कृत किया गया था.
जानिए क्या बोले रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस रेल हादसे को दुर्भाग्यपूर्ण बताया. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “एनएफआर जोन में दुर्भाग्यपूर्ण हादसा. बचाव कार्य जारी है. रेलवे, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ एकसाथ मिलकर काम कर रहे हैं. घायलों को अस्पताल में पहुंचाया जा रहा है. वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच चुके हैं.”
नीतीश कुमार ने दिया था इस्तीफा
बिहार-पश्चिम बंगाल सीमा पर गैसाल रेलवे स्टेशन के पास दो अगस्त 1999 को ब्रह्मपुत्र मेल और अवध आसाम एक्सप्रेस के बीच टक्कर हो गई थी. इस भीषण रेल हादसे में करीब 290 लोगों की मौत हुई थी. इस रेल हादसे के तुरंत बाद तत्कालीन रेल मंत्री नीतीश कुमार मौके पर पहुंचे थे. भयावह रेल हादसे देख कर नैतिकता के आधार उन्होंने इस्तीफा दे दिया था.
इन रेल मंत्रियों ने भी दिया था इस्तीफा
अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार मेें साल 2000 में दो रेल हादस हुए थे. इस रेल हादसे के बाद तत्कालीन रेल मंत्री ममता बनर्जी ने भी इस्तीफे दे दिया था. हालांकि, प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उनका इस्तीफी स्वीकार नहीं किया था. वहीं, मोदी सरकार में रेल मंत्री सुरेश प्रभू ने साल 2017 में दो रेल हादसों के बाद इस्तीफा दे दिया था. बताते चलें कि सबसे पहले नवंबर 1956 में तत्कालीन रेल मंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने तमिलनाडु में अरियालुररेल हादसे के बाद नैतिक आधार पर इस्तीफा दे दिया था.