Union Budget 2024: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट आज पेश होगा. सुबह 11 बजे लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश का आम बजट पेश करेंगी. बजट से पहले संसद भवन में कैबिनेट की बैठक होगी, इस बैठक में बजट को मंजूरी मिलेगी. इस बजट से देश के हर वर्ग के नागरिको को काफी उम्मीदें हैं. ऐसे में आइए आज हम आपको बताते हैं बजट से जुड़ी कुछ परंपराओं के बारे में…
अंग्रेजों के शासन में बजट प्रत्येक वर्ष 28 फरवरी को पेश किया जाता था. हालांकि, प्रधानमंत्री के कार्यकाल में अब बजट हर साल 1 फरवरी को पेश किया जाता है, लेकिन इस साल चुनाव होने के कारण 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश किया गया था. वहीं, आज 23 जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पूर्ण बजट पेश करने वाली हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 1 फरवरी, 2017 में बजट पेश किया था. ये बदलाव इसलिए किया गया ताकि नया वित्त वर्ष शुरू होने से पहले बजट से जुड़ी सभी प्रक्रियाओं को पूरा कर लिया जाए.
अंग्रेजों के जमाने में आम बजट और रेल बजट अलग-अलग पेश किए जाते थे, लेकिन पीएम मोदी के कार्यकाल में ये परंपरा भी तोड़ दी गई. पहले संसद में रेल बजट रखा जाता था. हालांकि, 2016 से रेल बजट यूनियन बजट का ही हिस्सा होता है.
1947 में वित्त मंत्री आर सी के एस चेट्टी ने पहली बार बजट पेश किया था. वो संसद में दस्तावेजों को चमड़े से बने ब्रीफकेस में लेकर पहुंचे थे. वहीं, 5 जुलाई 2019 में पीएम मोदी के कार्यकाल में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लाल कपड़े के एक बस्ते में बजट के कागजात लेकर संसद पहुंचीं थीं. वहीं, साल 2021 में कोरोना महामारी के चलते निर्मला सीतारमण टैबलेट लेकर पहुंची थी. ये डिजिटल बजट था.
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने कार्यकाल में 2015 में योजना आयोग को खत्म करके नीति आयोग का गठन किया. वहीं, देश में बनने वाली पंच वर्षीय योजनाओं का समापन कर दिया गया. ये सभी योजनाएं पीएम पंडित जवाहर लाल नेहरू के समय से चली आ रही थीं. हालांकि, इन योजनाओं का समापन 2017 में कर दिया गया.
साल 2022 में कोरोना महामारी के कारण बजट की छपाई शुरू होने से पहले हलुवा सेरेमनी की रस्म नहीं हुई. हलुवा सेरेमनी के बजाय कोर स्टॉफ को उनके कार्यस्थलों पर मिठाई दी गई.