केंद्रीय मंत्री व बेगूसराय के सांसद गिरिराज सिंह इन दिनों भागलपुर से किशनगंज तक हिंदू स्वाभिमान यात्रा निकाल रहे हैं. इस यात्रा का विपक्ष के नेता लगातार विरोध कर रहे है. 18 अकटूबर को हिंदू स्वाभिमान यात्रा कटिहार पहुंच गई. जिसके बाद गिरिराज सिंह ने हनुमान चालीसा का पाठ किया. इसके बाद विरोध कर रहे विपक्षी नेताओं पर जमकर निशाना साधा. उन्होने कहा, जिन लोगों को मेरी बातों से दिक्कत है,वो लोग दस दिनों के लिए कटिहार, पूर्णिया, अररिया, किशनगंज में आकर रहें खुद ही पता लग जाएगा लव जिहाद क्या होता है?
पहले सिर्फ लड़कियों के साथ ही होता था लव जिहाद, लेकिन…
गिरिराज सिंह ने आगे कहा, लव जिहाद पहले सिर्फ लड़कियों के साथ ही होता था, लेकिन अब इसका दायरा बढ़ गया है और ये लड़कों के साथ भी हो रहा है. उन्होनें कहा, हम लैंड जिहाद और थूक जिहाद को देख चुके हैं. अब बेगूसराय में तो शिक्षा जिहाद चल रहा है. मेरा धर्म, धन, भूमि और मेरी संस्कृति यह सब खतरे में है. इसलिए मैं हिंदुओं से कहता हूं कि वो अपने धर्म की रक्षा करें धर्म उनकी रक्षा करेगा. मंत्री ने आगे कहा, संगठित हिंदू ही सुरक्षित हिंदू है और अगर हिंदू बंटेगा तो कटेगा इसलिए एक रहें और नेक रहें का नारा भी दिया.
#WATCH | Katihar, Bihar: On his Hindu Swabhiman Yatra, Union Minister Giriraj Singh says, "Those who have objections to what I say, I request them to come and stay in Katihar, Purnia, Araria, Kishanganj for 10 days, then they will know what 'Love Jihad' is. Earlier it used to… pic.twitter.com/0OhWOAv4QM
— ANI (@ANI) October 19, 2024
केंद्रीय मंत्री ने बहराइच हिंसा पर कसा तंज
इस दौरान केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने आगे बताया कि जहां भी हमारी संख्या घटी है, हम वहां बचे नहीं हैं. चाहे आप कश्मीर की बात कर लो या बंगाल की दोनों ही जगहों पर हम नहीं बच सकें हैं. बीजेपी के नेता ने बहराइच की घटना का जिक्र करते हुए कहा, दुर्गा पूजा के विसर्जन पर हमें पूछना पड़ता है कि इस गली से क्यों गुजरें. गिरिराज सिंह ने डॉ भीमराव अंबेडकर की बात बताते हुए कहा कि अंबेडकर ने जवाहरलाल नेहरू से कहा था कि जब बंटवारा हो रहा है, तो सभी मुसलमानों को पाकिस्तान भेज दें और वहां से सभी हिंदुओं को भारत बुलवा लें. अन्यथा हमारी सामाजिक समरसता खत्म हो जाएगी. उनकी यही बात मेरे लिए प्रेरणा का स्त्रोत है, लेकिन उनकी बातों पर नेहरू जी ने ध्यान ही नहीं दिया.