देश के उत्तर पूर्वी राज्य सिक्किम में किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से जैविक मछली क्लस्टर का शुभारंभ किया गया. सिक्किम में देश के पहले जैविक मत्स्य पालन क्लस्टर का केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह ने शुभारंभ किया. केंद्रीय मत्स्य मंत्रालय के मुताबिक, सोरेंग जिले में जैविक मछली क्लस्टर किसानों की आय बढ़ाने और जलीय कृषि में स्थिरता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
इस परियोजना का उद्देश्य दुनिया भर के पर्यावरण के प्रति जागरूक बाजारों में एंटीबायोटिक, रसायन और कीटनाशक मुक्त जैविक मछली बेचना है. मत्स्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘सिक्किम सरकार ने पहले ही जैविक खेती (ऑर्गेनिक फार्मिंग) को अपना लिया है, जिससे सस्टेनेबल और पर्यावरण के अनुकूल एग्रीकल्चर प्रैक्टिस के लिए एक मजबूत प्रतिष्ठा बनाने में मदद मिली है. जैविक मत्स्य पालन और जलीय कृषि की शुरुआत करना सभी क्षेत्रों में जैविक, सस्टेनेबल और पर्यावरण के अनुकूल प्रैक्टिस को बढ़ावा देने के राज्य के दृष्टिकोण के साथ जुड़ा होगा.’
India's 1st Organic Fisheries Cluster in Soreng, Sikkim, launched by Hon'ble Union Minister for Fisheries, Animal Husbandry & Dairying and Panchayati Raj, Shri Rajiv Ranjan Singh, at the NER Meet 2025, aims to boost farmer incomes and promote sustainable aquaculture. This cluster… pic.twitter.com/lW0UEKEnJ3
— Department of Fisheries, Min of FAH&D (@FisheriesGoI) January 6, 2025
मत्स्य मंत्रालय ने आगे कहा, जैविक मत्स्य पालन क्लस्टर रसायनों, एंटीबायोटिक दवाओं और कीटनाशकों से बचते हुए स्वस्थ मछली पालन सिस्टम पर ध्यान केंद्रित करता है. मंत्रालय ने दावा किया, ‘इसकी वजह से पर्यावरण प्रदूषण भी कम होगा. इसके अलावा जलीय पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान पहुंचने से रोकने में मदद मिलेगी और सस्टेनेबल मछली उत्पादन प्रैक्टिस में योगदान मिलेगा.’
इसके अलावा केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह ने गुवाहाटी में प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (पीएमएमएसवाई) के तहत 50 करोड़ रुपये की लागत वाली 50 प्रमुख परियोजनाओं का उद्घाटन किया, जिसमें अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम को छोड़कर सभी पूर्वोत्तर राज्य शामिल हैं. इन परियोजनाओं का उद्देश्य उत्तर पूर्वी राज्यों में रोजगार के अवसर पैदा करना है. साथ ही, मत्स्य पालन के बुनियादी ढांचे और उत्पादकता को बढ़ाना है.
–आईएएनएस