रिपब्लिकन पार्टी ऑफ़ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास आठवले ने कहा कि महाबोधि मंदिर अधिनियम के अविलंब निरस्तीकरण के संदर्भ में राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पटना में मुलाकात की। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मुलाकात में सकारात्मक परिणाम देने का भरोसा दिया। रामदास अठावले ने कहा कि बोधगया में महाबोधि महाविहार की मुक्ति के लिए चल रहे भिक्षुओं के आंदोलन का मैं पूर्ण रूप से समर्थन करता हूँ तथा महाबोधि मंदिर अधिनियम 1949 को निरस्त करने की माँग को दोहराता हूँ।
रामदास आठवले जी ने कहा कि बुद्ध की विरासत को बचाने के लिए देश के विभिन्न भागों से बोद्ध भिक्षु व भिक्षुणी आन्दोलन में सम्मिलित होने के लिए बोधगया पहुंच रहे हैं। आठवले ने कहा कि महाबोधि महाविहार ट्रस्ट के अध्यक्ष, सचिव सहित सभी पदों पर बुद्ध धर्म को मानने वालों की ही नियुक्ति होनी चाहिए तथा ट्रस्ट के सभी सदस्य भी बौद्ध हों,ऐसी रिपब्लिकन पार्टी ऑफ़ इंडिया की माँग है तथा इसके क्रियान्वयन हेतु बिहार विधानसभा में “महाबोधि मंदिर अधिनियम” को शीघ्रातिशीघ्र निरस्त किया जाना चाहिए।
रामदास आठवले के अनुसार इस मांग को लेकर दिल्ली में प्रदर्शन भी किया जाएगा। इस अवसर पर रामदास आठवले ने 5 लाख रुपये की तत्काल सहायता प्रदान करने की घोषणा की। रामदास आठवले ने कहा कि भदंत नागार्जुन सुरई सुसाई द्वारा महाबोधि महाविहार की मुक्ति के लिए आंदोलन प्रारम्भ करने के समय से ही हम इस आंदोलन का पुरज़ोर समर्थन कर रहे हैं। रामदास आठवले ने कहा कि बौद्ध धर्म दलितों को उनके मानव अधिकार दिलाने का साधन है, क्योंकि यह धर्म व्यक्तिगत गरिमा और समानता पर जोर देता है।
रामदास आठवले ने कहा कि वह स्वयं भगवान बुद्ध द्वारा दिखाए मार्ग का अनुसरण करते हैं तथा आरपीआई(आ.) इस आंदोलन में सक्रिय रूप से भागीदार है। इस अवसर पर रामदास आठवले ने महाबोधि महाविहार को पूर्णतः बौद्धों के नियंत्रण में लाने के अपने संकल्प की घोषणा की। इस अवसर पर आदरणीय आकाश लामा सहित देश के विभिन्न भागों से आए भिक्षु उपस्थित थे।रिपब्लिकन पार्टी ऑफ़ इंडिया(आठवले) के शिव मिश्रा, मुंबई से आरपीआई के जिला अध्यक्ष विजय गुप्ता, प्रकाश जाधव, सुबोध भारत सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति भी भागीदार रहे।