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यूपी की सभी नौ सीटों पर होने वाले उप-चुनाव में इंडिया गठबंधन की तरफ से सपा ने अपने प्रत्याशियों को उतारने का ऐलान कर दिया है. वहीं, कांग्रेस ने यूपी में एक भी सीट पर उम्मीदवार नहीं उतारा है, इसको लेकर यूपी में सियासत गरमा गई है. कल्कि धाम के पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने इसको लेकर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधा है. गुरुवार को न्यूज एजेंसी IANS से बातचीत के दौरान आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा, राहुल गांधी और उनकी टोली ने पूरी कांग्रेस पार्टी का पिंडदान कर दिया. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस को अपना झंडा और निशान समाजवादी पार्टी (सपा) को सौंप देना चाहिए. लखनऊ में कांग्रेस को अपना दफ्तर बंद कर सपा के साथ मर्ज हो जाना चाहिए.
राहुल गांधी ने कांग्रेस का कर दिया पिंडदान: आचार्य प्रमोद कृष्णम
कांग्रेस के यूपी में उप-चुनाव न लड़ने के आईएएनएस के सवाल पर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा, उत्तर प्रदेश पंडित जवाहरलाल नेहरू से लेकर इंदिरा गांधी और सोनिया गांधी तक की कर्म भूमि रही है. यूपी वह प्रदेश है, जिसने देश को दिशा दी है, ऐसे महान प्रदेश में कांग्रेस पार्टी का राहुल गांधी ने पिंडदान कर दिया. राहुल गांधी और उनकी जो टोली है, चांडाल-चौकड़ी है. उन्होंने पूरी कांग्रेस पार्टी का पिंडदान कर दिया और यह फैसला ले लिया कि अब उपचुनाव नहीं लड़ेंगे. तो, फिर झंडा और निशान ये भी समाजवादी पार्टी को सौंप देना चाहिए. आचार्य प्रमोद कृष्णम ने आगे कहा कि लखनऊ में कांग्रेस पार्टी का जो दफ्तर है, उसको भी बंद कर देना चाहिए और पूरी पार्टी को समाजवादी पार्टी में मर्ज कर देना चाहिए.
आज रो रही होगी इंदिरा गांधी की आत्मा
अब वक्त आ गया है कि महात्मा गांधी का सपना पूरा कर देना चाहिए. बड़े अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि इंदिरा गांधी की आत्मा आज रो रही होगी कि बड़ी मेहनत, शिद्दत और भावनाओं से करोड़ों कार्यकर्ताओं ने पार्टी को खड़ा किया. लेकिन, कांग्रेस पार्टी का इतना बुरा हाल, दुर्दशा और पतन उनके पोते ने कर दिया. आचार्य प्रमोद कृष्णम ने केरल की वायनाड लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) के हलफनामे का जिक्र करते हुए कहा, बड़े लोगों के पास बड़ी संपत्ति होती है, अगर बिजनेस से धन आता है, तो उस पर क्या आपत्ति है, अगर बिजनेस से धन आता है, तो उस धन को गलत तो नहीं कहा जाएगा. संपत्ति होना ना होना तो एक निजी मसला है और इनकम टैक्स का विषय है. संपत्ति कैसे अर्जित की है, यह बड़ा विषय है. अगर संपत्ति व्यापार से आई है, तो मुझे इस पर कुछ नहीं कहना.