Uttarakhand Madrasas New Syllabus: अयोध्या राम मंदिर में रामलला के विराजमान के बाद पूरा देश राममय है. इसी बीच उत्तराखंड के मदरसों (Uttarakhand Madrasas) के पाठ्यक्रम में बड़ा बदलाव होने वाला है. वक्फ बोर्ड (Waqf Board) के चेयरमैन ने फैसला किया है कि बच्चों को मदरसे में अब श्रीराम की कहानियां पढ़ाई जाएंगी. इस सिलेबस को इस साल मार्च में नए सेशन में लागू किया जाएगा. बता दें कि उत्तराखंड में 117 मदरसे चलाए जाते हैं.
बच्चों को राम जैसे बनाना चाहेंगे
वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने कहा- “प्रभु राम एक ऐसे चरित्र हैं जिनके बारे में सभी को जानना चाहिए और उन्हें फॉलो करना चाहिए.” शम्स ने आगे कहा- “भगवान श्रीराम ने अपने पिता को वादा पूरा करने में मदद के लिए सिंहासन छोड़कर वन चले गए. साथ ही वो माता सीता और लक्ष्मण जी के भी बारे में जानेंगे. ऐसे में किसे राम जैसा बेटा नहीं चाहिए होगा? हम बच्चों को औरंगजेब नहीं, बल्कि श्री राम जैसा बनाना चाहते हैं.”
बच्चे अच्छे गुण और संस्कार सीखेंगे
शादाब शम्स कहते हैं कि भगवान श्रीराम के गुणों का हर किसी को अनुसरण करना चाहिए. चाहे वो किसी भी धर्म का हो. भगवान राम की कथा से हर बच्चे अच्छा गुण और संस्कार सीखेगा. हरिद्वार, देहरादून, ऊधम सिंह नगर और नैनीताल में चलने वाले मदरसों में बच्चों को भगवान राम की कहानियां पढ़ाई जाएंगी.
पैगंबर के साथ श्री राम की कहानियां
शम्स ने कहा कि सिलेबस में मोहम्मद पैगंबर और श्री राम दोनों की ही कहानियां पढ़ाई जाएंगी. इसकी अनुमति वरिष्ठ मौलवियों ने भी दे दी है. उन्होंने औरंगजेब पर निशाना साधते हुए कहा- “हमें बच्चों को क्या उस राजा की कहानियां पढ़ानी चाहिए, जिसने अपने भाइयों का गला काट दिया और अपने पिता को कैद कर लिया.” बता दें कि शम्स मुख्य रूप से भारतीय जनता पार्टी के नेता भी हैं.