Uttarkashi Tunnel Collapsed: दीपावली के दिन उत्तराखंड के उत्तरकाशी में एक बड़ा हादसा हो गया था. यहां पर चारधाम परियोजना के तहत निर्माणाधीन सिलक्यारा-पोल गांव सुरंग का एक हिस्सा धंस गया. इस सुंरग में काम कर रहे 40 मजदूर फंस गए. इन फंसे मजदूरों को निकालने का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है. पिछले 50 घंटों से अधिक समय से फंसे मजदूरों को पाइप के सहारे ऑक्सीजन और खाना पहुंचाने का काम किया जा रहा है. इन सभी मजदूरों को निकालने के लिए अब बड़े पाइप का सहारा लिया जाएगा.
900 एमएम के पाइप से निकाले जाएंगे श्रमिक
टनल में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए पहले मलबे को हटाने की कोशिश की गई. हालांकि उसमें सफलता हाथ नहीं लगी. अब मजदूरों को निकालने के लिए बचावकर्मियों ने नए प्लान अपनाया है. बचावकर्मियों ने मजदूरों को निकालने के लिए हरिद्वार बादराबाद से 900 एमएम के पाइप मंगाया है. उम्मीद जताई जा रही है कि मंगलवार यानी आज मजदूरो को निकालने में कामयाबी मिल सकती है. श्रमिकों को निकालने के लिए हरिद्वार बादराबाद से 900 एमएम के पाइप भी पहुंच गए हैं. वहीं, देहरादून से ऑगर ड्रिलिंग मशीन रात तीन बजे पहुंची.
Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami in Dehradun reviews the status of the ongoing operation to rescue 40 workers trapped in Silkyara Tunnel located on Uttarkashi-Yamunotri road pic.twitter.com/kuGUeeOJns
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 14, 2023
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बता दें कि ऑगर ड्रिलिंग मशीन के सहारे चौड़े पाइप को टनल के भीतर डाला जाएगा. इससे मजदूरों को निकालने का काम किया जाएगा. बचाव कार्य में लगे अधिकारियों का कहना कि सिलक्यारा सुरंग के धंसाव वाले हिस्से में क्षैतिज ड्रिलिंग कर उसमें पाइप डाले जाएंगे, ताकि उसके जरिए, अंदर फंसे श्रमिक बाहर आ सकें.
#WATCH | Work to put large diameter pipes inside the Silkyara Tunnel in Uttarakhand's Uttarkashi to rescue 40 trapped labourers to begin soon pic.twitter.com/t3lmNZvFxt
— ANI (@ANI) November 14, 2023
उल्लेखनीय है कि यमुनोत्री नेशनल हाइवे पर दिवाली के दिन एक निर्माणाधीन सुरंग का मुहाने का हिस्सा धंस गया. सुरंग का सिलक्यारा की ओर का हिस्सा धंसा है. बता दें कि मुहाने से करीब 230 मीटर तक का हिस्सा भूस्खलन के कारण धंस गया. इस हादसे में 40 मजदूर फंस गए. सभी टनल के भीतर काम कर रहे थे. मजदूरों को निकालने के लिए राहत और बचाव कार्य युद्ध स्तर चलाया जा रहा है.
अधिकारियों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार 900 मिलीमीटर चौड़ाई वाले पाइप और सुरंग के अंदर क्षैतिज ड्रिलिंग करने के बाद मलबे में डाला जाएगा. इसके लिए ऑगर ड्रिलिंग मशीन को घटनास्थल पर पहुंचा दिया गया है. वर्तमान में ऑगर ड्रिलिंग मशीन के लिए प्लेटफॉर्म बनाया जा रहा है. घटनास्थल पर आवश्यक सामान की पूर्ति की जा रही है. वहीं, विशेषज्ञ और इंजीनियर भी पहुंच चुके हैं.