भगवान के आगे विज्ञान भी हुआ फेल, पूजा करते ही टनल से आई खुशखबरी! स्थानीय बोले- बौख नाग देवता की कृपा

Abhinav Tripathi
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Sub Editor, The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Uttarkashi Tunnel Collapse: उत्तरकाशी में हुए सुरंग हादसे में 41 मजदूर अंदर फंस गए हैं. उनको निकालने का काम युद्ध स्तर पर जारी है. ऐसे में सुरक्षा और बचाव टीम के हाथों एक बड़ी कामयाबी आज लगी है. मंगलवार को मलबे को चीरकर 6 इंच की पाइप मजदूरों तक पहुंचाई गई. इसी पाइप के माध्यम से कैमरा भेजा गया जिससे मजदूरों की स्थिति का पता लगा. इस 6 इंच की व्यास वाली पाइप के माध्यम से श्रमिकों तक सॉलिड खाना और पानी पहुंचाया जा सकेगा. बचाव कार्य के 10वें दिन फंसे मजदूरों की पहली तस्वीर सामने आई है. जिससे काफी राहत मिली है.

इस हादसे को लेकर स्थानीय लोगों ने एक गजब का दावा किया है. टनल के आस पास के निवासियों का कहना है कि सुरंग बनाने के दौरान निर्माण करने वालों ने यहां के एक मंदिर को हटा दिया था. इस मंदिर के हटाए जाने के कारण ये हादसा हुआ है. ये उस मंदिर के देवता का प्रकोप है, जिस वजह से ये हादसा हुआ है.

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स्थानीय लोगों ने निर्माण करने वाली कंपनी पर मढ़ा दोष
इस हादसे को लेकर स्थानीय लोगों का कहना है कि सुरंग के मुहाने पर एक छोटा सा मंदिर था. स्थानीय मान्यता के अनुसार इस टनल में काम करने वाले इस मंदिर में पूजा करने के साथ ही सुरंग में काम करने के लिए जाते थे. दीपावली से कुछ दिन पहले इस सुरंग का निर्माण करने वाली कंपनी के मैनेजमेंट ने इस मंदिर को हटवा दिया. स्थानीय लोगों का दावा है कि इसी वजह से ये हादसा हुआ है. तमाम कोशिशों के बाद भी रेस्क्यू में सफलता नहीं मिली है.

मंदिर के हटने से आईं कई परेशानियां
स्थानीय लोगों का दावा है कि मंदिर के हटने से टनल के निर्माण में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा है. जैसे ही ये मंदिर सुरंग के मुहाने से हटा, दिवाली के ही दिन मजदूर उसमे फंस गए. जब श्रमिकों को निकालने का प्रयास किया गया तो कभी भूस्खलन की वजह से काम में रुकावट आई तो कभी ऑगर मशीन ही खराब हो गई. तमाम प्रयास के बाद जब सफलता हाथ नहीं लगी तो कंस्ट्रक्शन करा रही कंपनी के अधिकारियों ने पुजारी को बुलाकर मंदिर के भगवान की पूजा अर्चना की और क्षमा मांगी. वहीं, ग्रामीणों के दबाव के कारण कंपनी मैनेजमेंट ने सुरंग के बाहर बौखनाग देवता का मंदिर फिर से स्थापित कर दिया. माना जा रहा है कि मंदिर की स्थापना के बाद से राहत और बचाव कर्मियों को सफलता मिलने लगी है.

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उल्लेखनीय है कि मंदिर के पुनः स्थापना के कुछ घंटो बाद ही रेस्क्यू टीम के हाथ भारी सफलता हाथ लगी है. 6 इंच का पाइप मलबे के पार होकर मजदूरों तक पहुंच गया. इस पाइप की मदद से मजदूरों से बात हो सकी. इस पाइप की मदद से उन तक खाना और पानी पहुंचाने का काम किया जा रहा है. इस पाइप के माध्यम से मजदूरों से बात भी हुई है जिससे पता लगा कि वो वहां पर सुरक्षित हैं. मजदूरों ने कहा कि अभी कोई दिक्कत नहीं है.

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