Uttarkashi: राहत अभियान के बीच टनल के बाहर उभरी भगवान शिव जैसी आकृति, जानिए ये अनोखी घटना

Abhinav Tripathi
Abhinav Tripathi
Sub Editor, The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Must Read
Abhinav Tripathi
Abhinav Tripathi
Sub Editor, The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Uttarkashi Tunnel Rescue operation: उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग हादसे के 16वें दिन भी लगातार बचाव अभियान तेज है. सेना की उपस्थिति में राहत और बचाव दल लगातार राहत और बचाव कार्य में लगे हैं. पिछले 16 दिनों से मजदूरों को बाहर आने का इंतजार है. बचाव कार्य के बीच सुरंग के बाहर एक ऐसी घटना सामने आई है, जो सभी को चौंका रही है.

दरअसल, स्थानीय लोगों द्वारा दावा किया जा रहा है कि यहां टनल के बाहर भगवान शिव जैसी आकृति उभर आई है. जानकारी के अनुसार ये आकृति टनल के मुहाने पर स्थापित बौखनाग देवता के मंदिर के ठीक पीछे उभरी है. यहां के लोगों ने कहा कि ये आकृति पानी के रिसाव से बनी है. हालांकि ये पानी कहां से आ रहा है इसको लेकर कोई खास जानकारी सामने नहीं आई है. टनल में बचाव अभियान में लगे लोगों का कहना कि पानी का रिसाव और भी कई जगहों पर हो रहा है, लेकिन ऐसी आकृति और कहीं नहीं उभरी है.

शिव आकृति उभरने की खबर लगातार सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. हालांकि हम इस बात की पुष्टि नहीं करते हैं, खबर केवल सोशल मीडिया पर किए जा रहे दावों के आधार पर लिखी गई है.

जानकारी दें कि उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग में रेस्क्यू अभियान पिछले 16 दिन से चल रहा है. इस सुरंग में फंसे लोगों को निकालने का काम अनवरत जारी है. फंसे मजदूरों को इस सुरंग से बाहर निकालने के लिए अलग अलग प्लान पर काम किया जा रहा है. सुरंग में अब मैनुअली ड्रिलिंग का काम किया जा रहा है. टनल के ऊपर भी ड्रिलिंग की जा रही है. इतना ही नहीं टनल के दूसरी छोर से इस सुरंग के भीतर फंसे लोगों को निकालने का काम किया जा रहा है.

राहत बचाव कार्य में आ रही परेशानी
बता दें कि ऑगर मशीन में खराबी आने के कारण राहत और बचाव कार्य में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. अब ऑगर मशीन से नहीं बल्कि सुरंग में फंसे मजदूरों तक पहुंचने के लिए ऊपर से सीधे नीचे वर्टिकल ड्रिलिंग कल से ही शुरू हो गई है.

राहत बचाव कार्य की निगरानी कर रहे माइक्रो टनलिंग विशेषज्ञ क्रिस कूपर ने कहा कि ऑगर मशीन का सारा मलबा हटा दिया गया. मैन्युअल ड्रिलिंग संभवत: 3 घंटे के बाद शुरू होगी. हमें 9 मीटर हाथ से सुरंग बनाने का काम करना है. यह वास्तव में इस पर निर्भर करता है जमीन कैसे व्यवहार करती है.

उन्होंने आगे कहा कि यह जल्दी हो सकता है या थोड़ा लंबा समय लग सकता है. अगर हम कुछ जालीदार गर्डर से टकराते हैं, तो हमें जालीदार गर्डर को काटना होगा, लेकिन हमें विश्वास है कि हम इससे पार पा सकते हैं. सेना ऑपरेशन की देखरेख कर रही है. 30 मीटर वर्टिकल ड्रिलिंग की गई है.

यह भी पढ़ें- Uttarkashi: सुरंग में बचाव अभियान तेज, मौक पर पहुंचे PMO के अधिकारी, जानिए अब तक का अपडेट

Latest News

अब युवाओं के हाथों में भारत का भविष्य, बोले डॉ. राजेश्वर सिंह- ‘भारत को 2047 तक 15 ट्रिलियन डॉलर जीडीपी… ‘

Thoughts Of Dr Rajeshwar Singh: बीजेपी के लोकप्रिय नेता एवं सरोजनीनगर के विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह (Rajeshwar Singh) युवाओं...

More Articles Like This