Uttarkashi Tunnel Collapse: रोज बदल रहे प्लान, कब सुरंग के बाहर आएंगे मजदूर

Abhinav Tripathi
Sub Editor, The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Uttarkashi Tunnel Rescue Operation: उत्‍तराखंड में उत्‍तरकाशी के सिलक्‍यारा में धंसी निर्माणाधीन सुरंग में बचे मजदूरों को निकालने का काम लगातार 15 दिनों से चल रहा है. अंदर फंसे मजदूरों तक किसी तरीके पहुंचा जा सके इसके लिए लगातार रेस्क्यू टीम लगी है. इसके लिए ऑगर मशीनों का सहारा लिया जा है. हालांकि इस मशीन में काफी परेशानियां आ रही हैं. ऐसे में अब मशीन के फिर से अटकने के बाद मैनुअल ड्रिलिंग की योजना बनाई जा रही है. इसके तहत हथौड़े और छिन्नी की मदद से खोदाई जारी रहेगी. इन सब के बीच ये भी खबर है कि मजदूरों को बाहर निकालने के लिए वर्टिकल ड्रिलिंग भी शुरू कर दी गई है.

ऑगर मशीन के खराब होने से परेशानी
ऑगर मशीन के फंसने के कारण वहां पर नई प्लाज्मा कटर मशीन पहुंचाई गई है. इसकी मदद से ऑगर मशीन के टूटे हिस्से को मलबे से निकालने काम किया जाएगा. दरअसल, रेस्क्यू काम में आगे बढ़ने के लिए मशीन को पूरी तरह से हटाना जरूरी है, जिसके लिए हैदराबाद से इस प्लाज्मा कटर मशीन को हवाई मार्ग से मंगाया गया है. माना जा रहा है कि कटर्स की मदद से अगर शाम तक ऑगर मशीन के टूटे हिस्से को निकालने में सफलता मिलती है तो अगले 12 से 14 घंटों के अंदर मजदूरों तक रेस्क्यू की टीम पहुंच जाएगी.

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जानकारी दें कि सिलक्यारा में धंसी निर्माणाधीन सुरंग में ‘ड्रिल’ के प्रयोग की जा रही ऑगर मशीन के ब्लेड शुक्रवार की रात मलबे में दब गए थे. इसके बाद अधिकारियों ने दूसरे विकल्प पर विचार करना शुरू कर दिया. अगर ऑगर मशीन की जगह मैनुअली सुरंग में रास्ता बनाने का काम शुरू किया जाए तो इससे रेस्क्यू में काफी वक्त लग सकता है.

मैनुअल ड्रिलिंग पर विचार
बचाव कार्य में लगी एजेंसियों के अधिकारियों ने बचाव अभियान के 14वें दिन दो विकल्पों पर विचार किया. इसके तहत कहा गया कि मजदूरों में पहुंचने में 12 से 14 मीटर का फासला है. इसके लिए हाथ से ‘ड्रिलिंग’ या ऊपर की ओर से 86 मीटर नीचे ‘ड्रिलिंग’ की जा सकती है. इस विशेषज्ञों का कहना है कि अगर वर्टिकल ड्रिंलिंग पर विचार किया जाए तो वो काफी परेशानी वाला काम हो सकता है. ऐसे में हाथ से ही सुरंग की ड्रिलिंग का काम किया जा सकता है.

उल्लेखनीय है कि निर्माणाधीन सुरंग में फंस सभी 41 मजदूर अभी तक सुरक्षित हैं. सभी मजदूरों को 6 इंच के पाइप से खाना, पानी, दवाई के साथ अन्य महत्वपूर्ण सामान पहुंचाने का काम किया जा रहा है. जानकारों का कहना है कि अगर वर्टिकल ड्रिलिंग की जाती है तो आशंका है कि सुरंग के ऊपर बने प्रेशर और मलबे की वजह से उनकी पाइप टूट सकती है. इस वजह से भले ही ड्रिलिंग करने के लिए सामान ऊपर पहुंचा दिया गया है, लेकिन ये नहीं किया जाएगा.

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