Uttarkashi Tunnel Rescue Update: उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग हादसे के 16वें दिन भी लगातार बचाव अभियान तेज है. सेना की उपस्थिति में राहत और बचाव दल लगातार राहत और बचाव कार्य में लगे हैं. इस बीच राहत और बचाव कार्य की जानकारी लेने और निगरानी के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय का एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल आज सिलक्यारा सुरंग के पास पहुंचा है. पीएम मोदी इस हादसे में चल रहे राहत बचाव कार्य की जानकारी लगातार ले रहें हैं.
पीएमओ के अधिकारी पहुंचे
दरअसल, पीएमओ के प्रधान सचिव पीके मिश्रा, गृह सचिव एके भल्ला के साथ ही उत्तराखंड के मुख्य सचिव एसएस संधू भी मौके पर पहुंचे हैं. इसी के साथ डिप्टी सेक्रेटरी मंगेश घिल्डियाल पहले से ही घटनास्थल पर उपस्थित हैं. 12 नवंबर को सिलक्यारा में निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा धंस गया था, इस वजह से उसमे काम कर रहे 41 मजदूर अंदर फंस गए. उनकों निकालने का काम किया जा रहा है.
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यहां पर आज केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह (रिटायर) भी पहुंचे. उन्होंने उत्तरकाशी में सिलक्यारा सुरंग के मुहाने के पास बने मंदिर में पूजा अराधना की. इसी के साथ उन्होंने राहत बचाव कार्य में लगे अधिकारियों से बात की.
राहत बचाव कार्य में आ रही परेशानी
बता दें कि ऑगर मशीन में खराबी आने के कारण राहत और बचाव कार्य में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. अब ऑगर मशीन से नहीं बल्कि सुरंग में फंसे मजदूरों तक पहुंचने के लिए ऊपर से सीधे नीचे वर्टिकल ड्रिलिंग कल से ही शुरू हो गई है.
राहत बचाव कार्य की निगरानी कर रहे माइक्रो टनलिंग विशेषज्ञ क्रिस कूपर ने कहा कि ऑगर मशीन का सारा मलबा हटा दिया गया. मैन्युअल ड्रिलिंग संभवत: 3 घंटे के बाद शुरू होगी. हमें 9 मीटर हाथ से सुरंग बनाने का काम करना है. यह वास्तव में इस पर निर्भर करता है जमीन कैसे व्यवहार करती है.
उन्होंने आगे कहा कि यह जल्दी हो सकता है या थोड़ा लंबा समय लग सकता है. अगर हम कुछ जालीदार गर्डर से टकराते हैं, तो हमें जालीदार गर्डर को काटना होगा, लेकिन हमें विश्वास है कि हम इससे पार पा सकते हैं. सेना ऑपरेशन की देखरेख कर रही है. 30 मीटर वर्टिकल ड्रिलिंग की गई है.