Vande Bharat Sleeper Express: देश के रेल यात्रियों के लिए अच्छी खबर सामने आई है. देश की सबसे तेज चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस सभी रेल यात्रियों की पहली पसंद है. अब इसके स्लीपर वर्जन के पटरी पर रफ्तार फरने की तैयारी है. इसको लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है. मीडिया रिपोर्ट्स से मिली जानकारी के अनुसार वंदेभारत स्लीपर ट्रेन का जल्द ही ट्रायल हो सकता है. जानकारी के अनुसार यह ट्रेन आज इंटीग्रल कोच फैक्ट्री चेन्नई पहुंच जाएगी. अभी तक इस ट्रेन को बीएमएल बेंगलुरू की फैसिलिटी में तैयार किया जा रहा था. बताया जा रहा है कि ट्रेन को आईसीएफ की तरफ से अलग-अलग मापदंडों पर चेक करने के लिए सबसे पहले ऑसिलेशन ट्रायल होगा.
दिसंबर से भरेगी रफ्तार
ऑसिलेशन ट्रायल के बाद इस ट्रेन का स्टेबिलिटी ट्रायल, स्पीड ट्रायल और अन्य तरीकों के टेक्निकल ट्रायल्स किया जाएगा. इसके बाद इसको यात्रियों के लिए चलाया जाएगा. इस पूरी प्रक्रिया को पूरा करने में करीब 2 महीने का वक्त लग सकता है. उम्मीद जताई जा रही है कि दिसंबर तक इसका कॉमर्शियल रन शुरू हो जाएगा. बता दें कि इसका किराया राजधानी गाड़ियों की तर्ज पर होगा.
नई वंदेभारत एक्सप्रेस ट्रेन में होंगे कितने कोच
नई वंदेभारत एक्सप्रेस ट्रेन में 16 कोच होंगे और इसमें 823 बर्थ होंगे अभी तक की जानकारी के अनुसार इसमें 11 3AC कोच (611 बर्थ), 4 2AC कोच (188 बर्थ), और 1 1AC कोच (24 बर्थ) होंगे. इस ट्रेन को इस हिसाब से डिजाइन किया गया है कि इसमें यात्रियों को झटके नहीं लगेंगे.
मिलेंगी यह सुविधाएं
वंदेभारत स्लीपर ट्रेन के कोच में रीडिंग लैंप, चार्जिंग आउटलेट, एक स्नैक टेबल और एक मोबाइल/मैगजीन होल्डर होगा. कोच कवच टक्कर बचाव प्रणाली से लैस होंगे. सभी कोचों में स्टेनलेस स्टील कार बॉडी होगी. यहां पर जीआरपीएफ आंतरिक पैनल वहां रहेंगे. डिब्बों में अग्नि सुरक्षा अनुपालन होगा और स्वचलित दरवाजें होंगे.
इतनी होगी अधिकतम स्पीड
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारतीय रेल ने 200 स्लीपर वंदेभरत एक्सप्रेस ट्रेन के निर्माण का ऑर्डर दिया है. बीईएमएल द्वारा बनाई जा रही वंदे भारत स्लीपर ट्रेन, वंदे भारत का नया वैरिएंट है. उम्मीद जताई जा रही है कि यह ट्रेन अत्यधिक सुख सुविधाओं से लैस होगी और स्पीड, सुरक्षा के मामले में राजधानी एक्सप्रेस को पीछे छोड़ देगी. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पिछले साल कहा था कि वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों के मूल डिजाइन को मंजूरी दे दी गई है और ट्रेन का निर्माण शुरू हो गया है.