Vice Admiral Arti Sarin: सर्जन वाइस एडमिरल आरती सरीन सशस्त्र बल चिकित्सा सेवाओं (डीजीएएफएमएस) की महानिदेशक (डीजी) बनी हैं. मंगलवार को आरती सरीन को इस पद पर नियुक्त किया गया. वह डीजीएएफएमएस की प्रमुख के तौर पर नियुक्त होने वाली पहली महिला अधिकारी बन गई हैं. बता दें कि डीजीएएफएमएस सशस्त्र बलों से संबंधित समग्र चिकित्सा नीति मामलों के लिए सीधे रक्षा मंत्रालय के प्रति जिम्मेदार है.
1985 में सरीन को किया गया था कमीशन
डीजीएएफएमएस की 46वीं प्रमुख के रूप में पद संभालने से पहले वाइस एडमिरल सरीन नौसेना व वायु सेना में चिकित्सा सेवाओं की महानिदेशक और पुणे में सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज की निदेशक व कमांडेंट के रूप में सेवा दे चुकी हैं. सरीन को 1985 में कमीशन किया गया था. उन्होंने पुणे के सशस्त्र बल चिकित्सा कॉलेज (AFMC) से स्नातक किया है. उनके पास रेडियो डायग्नोसिस एवं रेडिएशन ऑन्कोलॉजी में दो स्नातकोत्तर डिग्रियां हैं. वह गामा नाइफ सर्जरी में ट्रेंड हैं.
तीनों सेनाओं में सेवा देने का दुर्लभ गौरव प्राप्त
फ्लैग ऑफिसर आरती सरीन को भारतीय सशस्त्र बलों की तीनों सेनाओं में सेवा देने का दुर्लभ गौरव प्राप्त है. उन्होंने सेना में लेफ्टिनेंट से कैप्टन तक, नौसेना में सर्जन लेफ्टिनेंट से सर्जन वाइस एडमिरल तक और वायु सेना में एयर मार्शल के रूप में सेवा दिया है.
कई पदकों से सम्मानित
वाइस एडमिरल सरीन को 2021 में विशिष्ट सेवा पदक और 2024 में अति विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया. उन्हें उनकी विशिष्ट सेवा के लिए 2017 में चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ कमेंडेशन, 2001 में चीफ ऑफ नेवल स्टाफ कमेंडेशन और 2013 में जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ “कमेंडेशन से भी नवाजा गया था. हाल ही में मेडिकल पेशेवरों के लिए सुरक्षा प्रोटोकॉल तैयार करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय द्वारा उन्हें राष्ट्रीय टास्क फोर्स के सदस्य के रूप में भी नियुक्त किया गया था.
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