Weather: बढ़ी सर्दी की बेदर्दी, कोहरा ढा रहा सितम, हर कोई बेहाल, धीमी हुई रफ्तार

Ved Prakash Sharma
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Weather: उत्तर प्रदेश सहित पूरे उत्तर भारत में सर्दी की बेदर्दी बढ़ गई है. आसमान से कोहरे की आफत गिर रही है. इससे गलन में इजाफा हो गया है. ठंड से राहत के लिए लोगों ने शरीर पर कपड़ों का बोझ बढ़ा दिया है. बावजूद इसके गलन का पीछा नहीं छोड़ रही है. सर्दी से राहत के लिए लोग आग के साथ ही हीटर का सहारा ले रहे हैं. घने कोहरे से जहां वाहनों की रफ्तार धीमी पड़ गई है. वहीं ट्रेनों की चाल भी धीमी पड़ गई है, जिससे वह समय से गंतव्य तक नहीं पहुंच पा रही है. शुक्रवार को भी जबरदस्त कोहरे का प्रभाव जारी रहा. इससे हर ठिठुरते हुए कांपते हुए सर्दी की दुहाई देता नजर आया.

तनी रह रही है कोहरे की घनी चादर
पिछले करीब चार दिन से सर्दी की बेदर्दी का सिलसिला जारी है. दिन में कभी 10 तो कभी 11 से लेकर 12 बजे तक कोहरे की चादर तनी रह रही है. इससे मौसम का मिजाज काफी ठंडा हो गया है. आलम यह है कि बाहर की कौन कहे, घरों के अंदर भी लोगों को गलन महसूस हो रही है. इससे बचाव के लिए लोगों ने गर्म कपड़ों के इस्तेमाल करने के साथ ही दिन में धूप का सहारा लेना शुरु कर दिया है.

जैसे-जैसे शाम ढल रही है, वैसे-वैसे बढ़ रहा ठंड का प्रभाव
जैसे-जैसे शाम ढल रही है, वैसे-वैसे ठंड का प्रभाव भी बढ़ता जा रह है. शाम ढलते ही कोहरा गिरने का क्रम शुरु हो जा रहा है, जिसका प्रभाव रात ढलने के बाद दूसरे दिन भी बना रह रहा है. गुरुवार को दोपहर तक जहां कोहरे का प्रभाव बना रही. वहीं शाम ढलते ही फिर से कोहरा गिरने का क्रम शुरु हो गया.

शुक्रवार को घने कोहरे के चादर के बीच बर्फीली हवा चलती रही. जो लोगों के तन और मन को झंकझोरती रही. मार्गों पर आवागमन कर रहे ठिठुरते हुए नजर आए. गलन का प्रभाव की वजह से हाथ की कलाई और पैर पूरी तरह से ठंडे हो गए. लोग हाथों के आपस में रगड़ते हुए गर्म करते नजर आए. दिन में तीन बजे तक धूप नहीं निकल सकी थी.

रेंगते नजर आ रहे सरपट दौड़ने वाले वाहन
पिछले कई दिनों से कोहरे का प्रभाव जारी है. इससे धुंध की चादर तन जा रही है. कोहरे की वजह से सड़कों पर सरपट दौड़ने वाले वाहनों की रफ्तार धीमी पड़ गई. धुंध के बीच चालक वाहन की लाइट के सहारे रेंगते हुए नजर आ रहे हैं. कभी-कभी धूंध में कुछ दिखाई न देने से चालकों को वाहन को खड़ा भी करना पड़ जा रहा है. जिन चालकों का ऐसा महसूस हो रहा है कि अब वह कोहरे का सामना नहीं कर पाएंगे, वे वाहनों को सड़क किनारे खड़ा कर धूंध छंटने का इंतजार कर रहे हैं. कोहरे की वजह से ट्रेनों की रफ्तार भी धीमी पड़ गई है.

गरीबों पर भारी पड़ रही ठंड
वैसे तो प्रकृति का कोई मजहब नहीं होता. यह हर जाति एवं धर्म के लोगों को अपनी ताकत का एहसास कराती है, लेकिन इसके कहर का ज्यादा असर गरीबों पर पड़ता है. पिछले कई दिनों से शीतलहर का क्रम जारी है. सर्द हवाएं लोगों के तन और मन को झंकझोर रही है. ऐसे में सबसे ज्यादा मौसम की मार गरीबों पर पड़ रही है.

रोजी-रोटी की तलाश में बड़ी संख्या में शहर में आते हैं लोग
शहर में ग्रामीण क्षेत्रों से रोजी-रोटी की तलाश में बड़ी संख्या में लोग आते है. कुछ फुथपाथों पर सब्जी आदि की दुकान लगातर तो कुछ मजदूरी करके जहां अपनी रोटी की व्यवस्था करते है, वहीं बड़ी संख्या में गरीब रिक्शा चलाकर घर का चूल्हा जलाते है. रिक्शा चलाने वाले कुछ ऐसे भी दीन-हीन दिखाई पड़ जाते है, जिनके पैरों में चप्पल तक नहीं होती है. ऐसे गरीबों पर ठंड भारी पड़ रही है. इसे मजबूरी ही कहां जाएगा कि पेट की आग बुझाने के लिए उन्हें इस कड़कड़ाती ठंड का सामना करना पड़ रहा है.

राहत के लिए लोग ले रहे आग का सहारा
ठंड को गर्म करने के लिए लकड़ियों पर शामत आ गई है. आम हो या खास, सभी आग का सहारा ले रहे हैं. ठंड का प्रभाव इस कदर बढ़ गया है कि जिनके घरों में काम की भी लकड़ियां पड़ी है, वे ठंड से राहत पाने के लिए उसे भी जला दे रहे हैं. लकड़ी के कोयले की मांग भी बढ़ गई है. एक तरफ जहां लोग घरों में बोरसी, तगाड़ आदि में अलाव जलाकर शरीर को सेंक रहे हैं, वहीं विभिन्न सरकारी दफ्तरों में काम करने वाले कर्मचारी हीटर के सहारे ठंड से दो-दो हाथ करते नजर आ रहे हैं. चार पहिया वाहन सवार भी राहत के लिए हीटर का सहारा ले रहे हैं.

ठंड ने बढ़ाई गृहणियों की परेशानी
पिछले कई दिनों से कड़ाके की ठंड से एक तरफ जहां आम जन-जीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त है. वहीं इसका सबसे ज्यादा प्रभाव गृहणियों पड़ रहा है. खासकर उन महिलाओं पर जिनके छोटे-छोटे बच्चे है. एक तरफ जहां ठंड से बच्चों को बचाने के लिए उनकी तरफ से तरह-तरह के उपाय किए जा रहे हैं, वहीं सुबह-शाम ठंड में कांपते हुए बर्तन धोने के साथ ही गृहस्थी का अन्य कार्य निपटाना पड़ रहा है. धूप न निकल पाने की वजह से कपड़ा सूख नहीं पा रहा है. ऐसे में गृणहियां छोटे-छोटे बच्चों के जरूरी कपड़ों को प्रेस गर्म कर सूखा रही है.

लगता है कि ठंड अब कराएगी अपनी ताकत का ऐहसास
सर्दी की बेदर्दी को लेकर लोग आपस में बातें करना शुरु कर दिया है. लोग यह कह रहे हैं कि लगता है कि ठंड अब अपनी ताकत का ऐहसास कराएगी. कोहरे का जो रूप दिखाई दे रहा हैं, उससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि अभी कई दिनों तक इसका प्रभाव जारी रहेगा. इसके साथ ही ठंड में और भी इजाफा होगा. 14 जनवरी के बाद ही सर्दी का तेवर कुछ कम होगा.

वाहन चलाते समय बरतें सावधानी
० बहुत जरूरी न हो तो रात में कोहरे के बीच वाहनों से सफर न करें.
० कोहर के बीच सुरक्षित लेन में चलें और सेंटर लाइन जरूर देखें.
० रात में लो बीम का प्रयोग अवश्यक करें.
० कोहरे में किसी भी वाहन को ओवरटेक न करें.
० सामने जा रहे वाहन से उचित दूरी बनाएं रखें.
० वाहनों पर रिफलेक्टर जरूर लगवाएं.
० बसों और ट्रकों पर फाग लाइट लगाकर ही चलें.
० नशे में धुत होकर कतई वाहन न चलाएं.
० घने कोहरे के बीच रेलवे लाइन कतई पार न करें.

नौनिहालों तथा बुजुर्गों के लिए सलाह
० सिर, हाथ, पैर तथा कान ढक कर रहें.
० धूप निकलने के बाद ही स्नान करें.
० कोहरा तथा यात्रा से परहेज करें.
० सांस फूलने पर तुरंत चिकित्सक से मिले.
० ठंड लगने पर चिकित्सक से संपर्क करें.

पशुओं के बचाव के उपाय
० पशुओं को गर्म स्थान पर रखे, रात को खुले में न छोड़े.
० रात के बचे चारें को सुबह न खिलाए.
० कोहरे में पशुओं को बोरा या मोटे कपड़े से ढके.
० ठंड लगने पर उनके आस पास अलाव जलाएं.

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