Budget 2025: आखिर 1 फरवरी को ही क्यों पेश होता है बजट? यहां जानिए इतिहास

Divya Rai
Content Writer The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Indian Union Budget History: 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) वर्ष 2025-26 के लिए अंतरिम बजट पेश करने वाली हैं. इस बार फिर आम जनता को बजट से काफी उम्मीदें हैं. हर कोई लंबे समय से इस दिन का इंतजार कर रहा है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि पहले बजट पेश करने की तारीख 1 फरवरी नहीं, बल्कि 28 फरवरी थी. ऐसे में आइए आपको बताते हैं कि आखिर क्यों 1 फरवरी ही बजट पेश किया जाने लगा. इसके पीछे का क्या इतिहास है…

बजट क्या होता है?

वार्षिक वित्तीय विवरण, जिसे आमतौर पर केंद्रीय बजट के रूप में जाना जाता है, आगामी वित्तीय वर्ष के लिए सरकार के अनुमानित खर्चों और राजस्व की रूपरेखा तैयार करता है और अनुमोदन के लिए संसद में प्रस्तुत किया जाता है.

इसलिए बदली थी बजट पेश करने की तारिख

2017 में तत्कालीन केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने फरवरी के अंतिम कार्य दिवस पर बजट पेश करने की सदियों पुरानी परंपरा से हटने की घोषणा की, जो औपनिवेशिक काल से चली आ रही प्रथा है. यह 1860 के दशक से शुरू हुई एक परंपरा थी जब ईस्ट इंडिया कंपनी के अधिकारियों ने इसे भारत में पेश किया था. पूर्व वित्त मंत्री जेटली ने बताया कि 1 फरवरी को बदलाव का उद्देश्य 92 साल पुरानी औपनिवेशिक युग की प्रथा से छुटकारा पाना था. इसके अतिरिक्त, फरवरी के अंत में बजट पेश करने से सरकार के पास 1 अप्रैल से प्रभावी होने वाली नई नीतियों और परिवर्तनों की तैयारी के लिए न्यूनतम समय बच गया. इसलिए, बजट प्रस्तुति की तारीख को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया गया.

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अलग रेल बजट पेश करने की परंपरा हुई ख़त्म

एक महत्वपूर्ण कदम में जेटली ने ब्रिटिश शासन से विरासत में मिली एक अलग रेल बजट पेश करने की परंपरा को भी खत्म कर दिया. इसके बजाय, उन्होंने रेलवे बजट को केंद्रीय बजट के साथ एकीकृत कर दिया.

बजट को पेश करने के समय में भी किये गए थे बदलाव

ब्रिटिश काल में बजट फरवरी के अंतिम दिन शाम 5 बजे पेश किया जाता था. क्योंकि भारत का समय ब्रिटेन से करीब साढ़े चार घंटे आगे है. ब्रिटेन में बजट पेश करने का सही समय सुबह का होता था, इसलिए भारत में शाम 5 बजे का समय तय किया गया था. हालाँकि, अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में वित्त मंत्री, यशवंत सिन्हा ने संख्याओं के अधिक व्यापक विश्लेषण के लिए इसे सुबह 11 बजे करने का प्रस्ताव दिया, जिस पर बहस और चर्चा हुई. तब से केंद्रीय बजट हर साल सुबह 11 बजे पेश किया जाता है.

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