Kisan Andolan: किसान आज अपनी मांगो को लेकर दिल्ली कूच पर निकले हैं. किसान लगातार अपने मांगो को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बना रहे हैं. आज किसानों ने ‘दिल्ली चलो’ मार्च शुरू किया है. किसानों के आंदोलन को देखते हुए दिल्ली में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. दिल्ली के सभी बॉर्डर पर बैरिकेडिंग की गई है. किसान दिल्ली की ओर बढ़ रहे हैं. किसानों के आंदोलन के कारण राजधानी वासियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इन सब से पहले आइए आपको बताते हैं आखिर कौन सी मांगे हैं जिनको लेकर किसान उग्र प्रदर्शन पर आतुर है.
जानिए किसानों की मांग
दरअसल, प्रदर्शनकारी किसानों की मांग में सबसे महत्वपूर्ण मांग है फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी वाला कानून बनाना – जो बाजार की अनिश्चितताओं का सामना कर रहे किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण जीवन रेखा है.
इसी के साथ किसानों की मांग है कि बिजली अधिनियम 2020 को निरस्त करने, लखीमपुर खीरी में मारे गए किसानों के लिए मुआवजे और किसान आंदोलन में शामिल लोगों के खिलाफ मामलों को वापस हो.
किसानों ने मंगलावार को मार्च से पहले सोमवार की आधी रात केंद्र सरकार से बातचीत भी की. हालांकि किसानों और केंद्र सरकार के बीच बातचीत बेनतीजा रही. इस वजह से आज किसान दिल्ली कूच पर हैं. किसानों का कहना है कि केंद्र सरकार ने दो साल पहले जो वादा किया था वो भी अब तक पूरे ना हुए. सभी वादों को सरकार को पूरा करना होगा.
सरकार ने रखा प्रस्ताव
बता दें कि किसानों को सरकार की ओर से सोमवार को एक प्रस्ताव दिया गया. सरकार ने एमएसपी, कर्ज माफी और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के कार्यान्वयन के लिए कानूनी गारंटी पर विचार-विमर्श के लिए एक समिति के गठन का प्रस्ताव रखा है. बावजूद इसके किसान इससे सहमत नहीं हैं. किसानों ने कहा कि समिति के बनने और उसकी सिफारिशों को लागू करना एक लंबी प्रक्रिया है. बता दें कि किसानों की मांगों में भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 की बहाली, विश्व व्यापार संगठन से वापसी और पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों के लिए मुआवजा सहित कई मुद्दे शामिल हैं.
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