Citizenship Amendment Act: आज शाम को अचानक सोशल मीडिया पर नागरिकता संशोधन अधिनियम यानी सीएए ट्रेंड करने लगा. मीडिया में चर्चा होने लगी कि गृह मंत्रालय आज देर रात सीएए यानी नागरिकता संशोधन अधिनियम कानून का नोटिफिकेशन जारी कर सकता है. इन सब के बीच आइए आपको बताते हैं कि सीएए क्या है.
दरअसल, सीएए कानून लोकसभा और राज्य सभा में साल 2019 में पारित हो गया था. इसके लिए पोर्टल बनाने का काम शुरू किया गया था. जिसे फरवरी के माह में पूरा कर लिया गया. इसके बाद इस कानून को लागू होने के कयास लगाए जा रहे थे. सीएए लागू होने के बाद इसके नियम के तहत अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से भारत आए हुए अल्पसंख्यकों की भारतीय नागरिकता आवेदनों को सुनिश्चित किया जाएगा.
जानिए क्या होता है सीएए?
जानकारी दें कि केंद्र सरकार बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से प्रताड़ित गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करेगी. इसमें हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई जैसे अल्पसंख्यक शामिल हैं, केंद्र सरकार उन अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता देना चाहती है जो 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए थे.
बता दें कि साल 2019 के दिसंबर माह में संसद द्वारा सीएए को पारित किया गया था. जैसे ही इस कानून को राष्ट्रपति की मंजूरी मिली उसके बाद देश के कुछ हिस्सों में व्यापक पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए. चार साल से अधिक की देरी के बाद, सीएए के कार्यान्वयन के लिए नियम बनाये जाने जरूरी हैं. सीएए को लेकर अधिकारियों का कहना है कि नियम तैयार हैं और ऑनलाइन पोर्टल भी तैयार है, क्योंकि पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी.
बीजेपी का चुनावी मुद्दा
नियमों के तहत आवेदकों को उस वर्ष के बारे में जानकारी देनी होगी जब उन्होंने यात्रा दस्तावेजों के बिना भारत में प्रवेश किया था. वहीं, इन आवेदकों से किसी प्रकार का दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा है. उल्लेखनीय है कि विवादास्पद सीएए को लागू करने का वादा पश्चिम बंगाल में पिछले विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में भाजपा का एक प्रमुख चुनावी मुद्दा था.
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