Women Peacekeepers: महिला शांति सैनिकों के लिए पहला सम्मेलन 24-25 फरवरी को नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा. इसकी जानकारी पिदेश मंत्रालय की ओर से दी गई है. एक आधिकारिक बयान में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा कि इस सम्मेलन का विषय ‘शांति अभियानों में महिलाएं: वैश्विक दक्षिण परिप्रेक्ष्य’ होगा.
महिला शांति सैनिक राष्ट्रपति मुर्मू से भी करेंगे मुलाकात
विदेश मंत्रालय इस सम्मेलन का आयोजन रक्षा मंत्रालय और संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना केंद्र (सीयूएनपीके) के सहयोग से कर रहा है. उन्होंने बताया कि इस सम्मेलन में वैश्विक दक्षिण में सैन्य योगदान देने वाले 35 देशों (टीसीसी) की महिला शांति सैनिक शामिल होंगी. सम्मेलन में भाग लेने वाली महिला शांति सैनिक राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मुलाकात करेंगी.
सम्मेलन को लेकर वीडियो संदेश जारी
संयुक्त राष्ट्र का प्रतिनिधित्व शांति अभियान विभाग के संयुक्त राष्ट्र के अवर महासचिव जीन-पियरे लैक्रोइक्स और संयुक्त राष्ट्र के विशेष समन्वयक क्रिश्चियन सॉन्डर्स करेंगे. वे सम्मेलन में शांति स्थापना क्षेत्र में अन्य प्रासंगिक हितधारकों के साथ शामिल होंगे. इतना ही नहीं, उन्होंने इस सम्मेलन को लेकर एक वीडियो संदेश भी एक्स पर साझा किया.
Less than 24 hours left for the 1st Conference for Women Peacekeepers from the Global South, hosted by @MEAIndia & @adgpi.
Top policymakers, peacekeepers & officials from the 🇺🇳, 🇮🇳 & 35 Troop Contributing Countries will come together to discuss the Global South's perspective on… pic.twitter.com/1QrW6VERwe
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) February 23, 2025
वीडियों में कहा गया कि सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र और भारत के शीर्ष नीति निर्माता, शांति सैनिक और अधिकारी, 35 टीसीसी के साथ मिलकर “शांति स्थापना, प्रशिक्षण और क्षेत्रीय सहयोग में तकनीक पर वैश्विक दक्षिण के दृष्टिकोण पर चर्चा करेंगे.”
दो लाख से अधिक भारतीय नागरिको ने यूएन स्थापना में दिया सहयोग
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, भारत ने 71 संयुक्त राष्ट्र मिशनों में से 49 में सेवा की है. भारतीय सैनिकों ने शारीरिक रूप से सबसे कठिन और सबसे कठोर वातावरण में सेवा करके सर्वोच्च स्तर का समर्पण और दृढ़ संकल्प दिखाया है. बता दें कि आज तक 2,00,000 से अधिक भारतीय नागरिकों ने संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना में योगदान दिया है और कई संघर्ष-ग्रस्त राज्यों को अपनी बहुमूल्य सहायता प्रदान की है.
इसे भी पढें:-प्रयागराज के बाद इन राज्यों में परफॉर्म करेंगे बांग्ला कलाकार, भारतीय उच्चायोग का जताया आभार