Yoga at Golden Temple: अर्चना मकवाना को पंजाब पुलिस ने भेजा नोटिस, बोलीं योगा गर्ल- “सरदार ही थे जिन्होंने मेरी…”

Shivam
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Yoga at Golden Temple: श्री दरबार साहिब अमृतसर में योग करने के बाद सुर्खियों में आईं सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर अर्चना मकवाना (Archana Makwana) को पंजाब पुलिस (Punjab Police) ने नोटिस भेज दिया है. वहीं, अर्चना मकवाना ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को एफआईआर वापस लेने की चेतावनी दी है. उन्होंने कहा, ‘अभी भी वक्त है, अपनी FIR वापस ले लीजिए, नहीं तो मेरी लीगल टीम कानूनी लड़ाई के लिए तैयार है.’ दरअसल, बीते दिन अमृतसर पुलिस ने श्री हरमंदिर साहिब में योगा कर रही मकवाना को नोटिस भेजा था. यह नोटिस उन्हें जांच में शामिल होने के लिए भेजा गया था.

जानकारी के मुताबिक, नोटिस में अर्चना मकवाना को 30 जून तक पुलिस स्टेशन ई डिवीजन में पेश होने के आदेश दिए गए हैं. इससे पहले श्री हरमंदिर साहिब के प्रबंधक की शिकायत पर अर्चना मकवाना के खिलाफ 295ए के तहत मामला बनाया गया था. इसके साथ ही अर्चला मकवाना अब शिरोमणि कमेटी से माफी मांगकर कानूनी लड़ाई लड़ने को तैयार हैं. मकवाना ने वीडियो में कहा, सभी को मेरी शुभकामनाएं. “जब मैं 21 जून को हरमंदिर साहिब में शीर्षासन कर रही थी, तो 1000 सिख मुझे देख रहे थे, किसी ने भी मुझे नहीं रोका या इस पर आपत्ति नहीं जताई. असल में जिस सज्जन ने मेरी फोटो खींची, वे स्वयं सरदारजी थे, उन्हें यह आपत्तिजनक नहीं लगा, उन्होंने मुझे ऐसा करने से नहीं रोका, जो लोग इसे लाइव देख रहे थे,

मैं खुद को पीड़ित महसूस कर रही हूं…

वे नाराज नहीं हुए, इसलिए मैं सोच रही हूं कि कैसे क्या ये ग़लत हो सकता है? क्या इससे किसी की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं? जो स्थानीय लोग प्रतिदिन मंदिर जाते हैं, उन्हें नियमों के बारे में पता नहीं है, तो वे पहली बार पंजाब जा रही एक हिंदू लड़की से नियमों को जानने की उम्मीद कैसे कर सकते हैं, खासकर जब किसी ने मुझे नहीं रोका, सब कुछ निराधार है, मुझे पता है कि एसजीपीसी क्या प्रचार कर रही है लेकिन मैं खुद को पीड़ित महसूस कर रही हूं.

एफआईआर का कोई नहीं है आधार

उन्‍होंने आगे कहा कि मेरे खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर को रद्द किया जाना चाहिए. क्योंकि, FIR का कोई आधार नहीं है, यह केवल इसलिए है. क्योंकि, एसजीपीसी समिति ने पुलिस को वास्तविक तथ्यों का खुलासा नहीं किया, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया. मैंने इस मुद्दे को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल करने की कोशिश की, लेकिन वे समझ नहीं रहे हैं, इससे मेरे व्यवसाय पर असर पड़ रहा है और मैं इसे बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करूंगी… जो कोई भी मुझसे सहमत है और मेरा समर्थन करना चाहता है, कृपया पंजाब पुलिस द्वारा लिखी F.I.R रद्द होनी चाहिए, इनके ख़िलाफ़ आवाज़ उठाइए. आपके समर्थन की अत्यधिक सराहना की जाएगी.

यह भी पढ़े: UP: बोले CM योगी- आधुनिकीकरण नहीं हुआ तो पिछड़ जाएगा पुलिस बल

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