Yoga at Golden Temple: एसजीपीसी ने श्री दरबार साहिब अमृतसर में योग करने के बाद सुर्खियों में आईं सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर अर्चना मकवाना (Archana Makwana) पर ‘किसी घृणित और घृणित’ एजेंडे के तहत काम करने का आरोप लगाया है. एसजीपीसी ने आरोप लगाते हुए कहा, उनके व्यवहार और कृत्यों की पूरी रूपरेखा उनकी सोशल मीडिया गतिविधियों से स्पष्ट है. एसजीपीसी ने आगे कहा कि पहले उन्होंने श्री हरमंदिर साहिब में ‘मर्यादा’ का उल्लंघन किया और अपने सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक तस्वीरें या वीडियो पोस्ट करके सिख समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाया है.
श्री हरमंदिर साहिब के प्रबंधक द्वारा उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराने और अमृतसर पुलिस द्वारा आईपीसी की धारा 295-ए के तहत एफआईआर दर्ज किए जाने के बाद, मकवाना ने इस घटना के लिए माफी मांगी, “लेकिन, माफी मांगने के बाद भी उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट करना जारी रखा और लोगों को सार्वजनिक मंच पर गुरुद्वारा साहिब में जाने से रोकने के लिए उकसाया और एसजीपीसी के खिलाफ गलत प्रचार किया.”
ऐसा लगता है कि अर्चना किसी नापाक और घृणित एजेंडे के तहत कर रही हैं काम
एसजीपीसी ने आगे कहा, “ऐसा लगता है कि अर्चना किसी नापाक और घृणित एजेंडे के तहत काम कर रही हैं.” “आज एक वीडियो में, वह दावा कर रही हैं कि श्री हरमंदिर साहिब के प्रबंधन द्वारा कोई मर्यादा-संबंधी दिशा-निर्देश प्रदर्शित नहीं किए गए हैं, जबकि तथ्य यह है कि घंटाघर प्रवेश द्वार पर एक बड़ी स्क्रीन लगाई गई है, जहां से उन्होंने प्रवेश किया था. वह दावा कर रही है कि किसी ने उसे वीडियो बनाने या फोटो खींचने से नहीं रोका, जबकि सच्चाई यह है कि 21 जून को ड्यूटी पर तैनात सेवादार ने उसे प्रवेश द्वार पर रोक दिया था,
एसजीपीसी प्रबंधन को एफआईआर वापस लेने की दी धमकी
जब वह चरण गंगा में अपने पैर धोते हुए मोबाइल पर प्रवेश का वीडियो बना रही थी.” इसमें कहा गया है कि उसने एसजीपीसी प्रबंधन को उसके खिलाफ दर्ज एफआईआर वापस लेने की धमकी भी दी. इसमें कहा गया है कि अगर वह माफी मांगती है, तो वह सिखों की प्रतिनिधि संस्था एसजीपीसी के खिलाफ आपत्तिजनक और घृणास्पद टिप्पणियां क्यों पोस्ट कर रही है. एसजीपीसी ने कहा, मकवाना ने 21 जून को श्री हरमंदर साहिब या परिसर के अंदर किसी संबंधित गुरुद्वारा साहिब में मत्था टेका भी नहीं था. एसजीपीसी ने आगे कहा, वह 20 जून को भी श्री हरमंदिर साहिब गई थी, जब उसने मत्था टेका था और कुछ ‘सेवा’ की थी, ”लेकिन इससे उसे अगले दिन आकर मर्यादा का उल्लंघन करने की आजादी नहीं मिल जाती.”
पहली बार आने पर उन्हें दिया गया हर संभव मार्गदर्शन
इसमें कहा गया है कि पहली बार आने पर उन्हें हर संभव मार्गदर्शन दिया गया, लेकिन 21 जून को उन्होंने मार्गदर्शन लेना जरूरी नहीं समझा और परिसर के अंदर आपत्तिजनक हरकत की. ऐसी स्थिति में एसजीपीसी ने कहा, वह मकवाना को गिरफ्तार करने की मांग करता है, ताकि सिख विरोधी नापाक साजिश का पता चल सके, जिसके तहत वह काम कर रही थी और उसके मामले का फैसला अदालत में किया जाए.