Bihar Political Crisis: बिहार की सियासी सरगर्मी अपने चरम पर है. सूत्रों की मानें, तो सीएम नीतीश कुमार आज शाम या कल तक कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक, बिहार में एनडीए की नई सरकार का फॉर्मूला तय हो गया है. आज शाम की बैठक के बाद भारतीय जनता पार्टी जदयू और नीतीश कुमार के साथ देने का ऐलान कर सकती है. दरअसल, भीतर खाने में एनडीए सरकार बनने का खाका तैयार हो गया है. आइए बताते हैं पूरा समीकरण.
ये विधायक ले सकते हैं मंत्री पद की शपथ
आपको बता दें कि बिहार में दो डिप्टी सीएम शपथ ले सकते हैं. डिप्टी सीएम के तौर पर रेणु देवी और तारकिशोर प्रसाद को डिप्टी सीएम बनाए जा सकते है. सूत्रों के हवाले से एक और बड़ा अपडेट आ रहा है. जानकारी के मुताबिक शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ दोनों दलों जदयू और बीजेपी के तीन-तीन विधायक मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं.
केंद्रीय नेतृत्व की तरफ दिया जाएगा नाम
इसके तहत भारतीय जनता पार्टी के कोटे में उपमुख्यमंत्री पद भी शामिल है. जेडीयू कोटे से विजय कुमार चौधरी, संजय झा और अशोक चौधरी होंगे. हालांकि, बीजेपी के कोटे से कौन शपथ लेगा उनका नाम अंतिम समय में केंद्रीय नेतृत्व की तरफ से दिया जाएगा. इसके बाद जब मंत्रीमंडल विस्तार होगा, तो उस समय बाकी बचे मंत्रियों को सरकार में शामिल किया जाएगा.
बढ़ा बिहार का सियासी पारा
इन सबके बीच जदयू ने कोर कमेटी की बैठक बुलाई है. ये बैठक सीएम आवास पर आज शाम 3 बजे होगी. खास बात है कि इस बैठक में पार्टी के बड़े नेता शामिल होंगे. ऐसा माना जा रहा है कि इस बैठक के बाद नीतीश कुमार इस्तीफा दे सकते हैं. जानकारी के अनुसार वो कल सुबह इस काम को कर सकते हैं. इस बीच बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राधा मोहन सिंह के राजभवन पहुंचे. इसके बाद बिहार का सियासी पारा और बढ़ गया है.
सांसद शाम तक पहुंच जाएंगे पटना
जानकारी के अनुसार, ललन सिंह लगातार जदयू सांसदों से बात कर रहे हैं. सभी सांसद आज शाम तक पटना पहुंच जाएंगे. इस बीच बीजेपी प्रभारी विनोद तावड़े भी पटना पहुंच गए हैं. बताया जा रहा है कि बिहार के सियासी हलचल के कारण ही उन्हें पटना भेजा गया है.
आवश्यकता के अनुसार खुलता और बंद होता दरवाजा
दरअसल, भाजपा नेता पिछले कई महीनों से कह रहे थे कि नीतीश कुमार के लिए भाजपा के सभी दरवाजे बंद हो गए हैं. इसको लेकर केंद्रीय मंत्री अमित शाह का बयान सामने आया था की नीतीश बाबू के लिए भाजपा ने सभी दरवाजे बंद कर लिए हैं.
वहीं, इसके कुछ माह बाद ही बिहार भाजपा के नेताओं के स्वर बदलने लगे. पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने दिल्ली से पटना लौटने के बाद नीतीश के एनडीए में आने के संकेत दिए थे. उन्होंने कहा कि राजनीति में कोई दरवाजा स्थायी बंद नहीं होता, आवश्यकता के अनुसार खुलता और बंद होता है.
हर राजनीतिक परिस्थिति पर प्रदेश भाजपा की निगाह
सुशील मोदी ने कहा कि बिहार में जो राजनीतिक परिस्थिति पैदा हो रही है, उस पर प्रदेश भाजपा की निगाह बनी हुई है. केंद्रीय नेतृत्व कोई फैसला लेता है, प्रदेश की ऐसे निर्णय में कोई भूमिका नहीं होती. केंद्रीय नेतृत्व योग्य निर्णय लेगा, उस निर्णय का प्रदेश नेतृत्व पालन करेगा. नीतीश आ रहे हैं या नहीं, इसकी जानकारी नहीं है.