Bihar Political Crisis: बिहार की सियासी सरगर्मी कम होने का नाम नहीं ले रही है. ये खबर आ रही थी कि बिहार सीएम नीतीश कुमार कल तक कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं. बिहार में एनडीए की नई सरकार का फॉर्मूला भी तय हो गया है. इन सबके बीच सूत्रों के हवाले से ये खबर भी सामने आ रही है कि आरजेडी नेता राजभवन जाकर सरकार बनाने का दावा पेश कर सकते हैं. इस दौरान कांग्रेस के पूर्व CM भूपेश बघेल संकट मोचक की भूमिका अदा कर सकते हैं. आइए बताते हैं पूरा मामला.
नीतीश से समर्थन वापस लेगी RJD
सूत्रों के मुताबिक, लालू यादव की पार्टी आरजेडी नीतीश कुमार की पार्टी जदयू और मौजूदा गठबंधन वाली बिहार सरकार से अपना समर्थन वापस लेगी. बताया जा रहा है कि लालू यादव के निर्देश के बाद राजद कोटे के सभी मंत्रियों ने सरकारी गाड़ी भी लौटा दी है. आरजेडी राज्यपाल के पास जाकर सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते सरकार बनाने का दावा भी कर सकती है. इस बीच पटना में RJD नेता और बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के आवास पर पहुंच रहे हैं.
दरअसल, इससे पहले ये खबर आई थी कि आरजेडी विधायकों से बैठक के बाद तेजस्वी ने कहा है कि आरजेडी सरकार से समर्थन वापस नहीं लेगी. जनता इसका फैसला करेगी. ऐसे में मंत्रियों द्वारा सरकारी गाड़ी लौटाना ये बताता है कि लालू यादव सियासी संग्राम में उतर चुके हैं. अब देखना है कि हर बार की तरह इस बार भी नीतीश कुमार का पासा सटीक बैठेगा या इस बार कोई नया खेल होगा. फिलहाल, ये कहना मुश्किल है कि आने वाले कुछ घंटों में क्या होगा.
बिहार में महागठबंधन टूटने और सियासी उठापटक के बीच कांग्रेस ने बड़ा एक्शन किया है. पार्टी ने छत्तीसगढ़ के पूर्व CM भूपेश बघेल तो तत्काल प्रभाव से बिहार में पर्यवेक्षक नियुक्त किया है. चर्चा है कि बघेल बिहार में महागठबंधन के संकट के इस दौर में संकट मोचक की भूमिका भी अदा कर सकते हैं. हालांकि, बिहार में उन्हें भारत जोड़ो न्याय यात्रा और पार्टी गतिविधियों के समन्वय के लिए वरिष्ठ पर्यवेक्षक बनाया गया है. इसको लेकर पार्टी के जनरल सेक्रेटरी KC वेणुगोपाल ने संबंध में आदेश भी जारी कर दिया है.
आपको बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा आगामी 29 जनवरी को बिहार में एंट्री लेगी. तीन दिनों तक ये यात्रा प्रदेश के 4 जिलों में जाएगी. इस दौरान कुछ नेताओं का भारत जोड़ो न्याय यात्रा के विरोध में बयान भी सामने आया है. उनका कहना है कि ये राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा है या गठबंधन तोड़ो यात्रा. पहले बंगाल में टूट और अब बिहार की बारी.
केंद्रीय मंत्री अमित शाह का एक पुराना बयान वायरल
इस बीच केंद्रीय मंत्री अमित शाह का एक पुराना बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जिसमें वह कह रहे हैं, “किसी के भी मन में अगर ये संशय हो कि चुनाव परिणामों के बाद नीतीश बाबू को फिर से भाजपा, NDA गठबंधन में लेगी… तो मैं बिहार की जनता को स्पष्ट कह देना चाहता हूं कि आप लोगों (नीतीश बाबू और ललन बाबू) के लिए भाजपा के दरवाज़े हमेशा-हमेशा के लिए बंद हो चुके हैं”
नेता प्रतिपक्ष ने दिया बयान
हालांकि, अभी बिहार की राजनीतिक स्थिति को लेकर पूर्व विधानसभा और नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा, “हमारा नेतृत्व सामूहिक और सक्षम नेतृत्व है, जो राष्ट्र हित में ही निर्णय लेता है. लोग उनके निर्णय का स्वागत करते हैं.” अब देखना ये है कि आगे क्या होगा.