Bihar Politics: राजनीति में कब क्या हो कुछ नहीं कहा जा सकता. इन सबके बीच बिहार की राजनीति में भूचाल आ सकता है. राजद और जदयू वाली बिहार सरकार मुसीबत में है. आशंका है कि बिहार की राजनीति में कुछ ‘बड़ा’ खेल होने वाला है. इन सबके बीच पटना से दिल्ली तक हलचल तेज हो गई है. जानकारी के अनुसार बिहार के बीजेपी अध्यक्ष दिल्ली गए हैं. इस दौरान नीतीश कुमार से मिलने ललन सिंह पहुंचे हैं. संभावना है कि सीएम नीतीश दोबारा एनडीए में वापसी कर सकते हैं. उनको मनाने के लिए राजद प्रमुख लालू यादव हर संभव प्रयास कर रहे हैं.
दूसरी तरफ राजद को एक और झटका लगा है. छपरा नगर निगम के मेयर पद पर हुए उपचुनाव में भी लालू प्रसाद यादव की अपील के बावजूद राजद उम्मीदवार हार गईं. दरअसल, इस उम्मीदवार का समर्थन लालू प्रसाद और उनके बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने किया था, लेकिन वह चुनाव हार गए. लोकसभा चुनाव 2024 से पहले इसे बड़ी सियासी हार के तौर पर देखा जा रहा है. चर्चा है कि छपरा मेयर के उपचुनाव में मिली हार लोकसभा चुनाव को लेकर बड़े संकेत है.
आपको बता दें कि छपरा नगर निगम उपचुनाव में लक्ष्मी नारायण गुप्ता ने जीत दर्ज की है. लक्ष्मी ने अपने करीबी प्रत्याशी मिंटू सिंह को 5457 मतों के अंतर से हराया. लक्ष्मी नारायण गुप्ता को कुल 17456 मत मिले थे. वहीं, मिंटू सिंह को लक्ष्मी नारायण गुप्ता की तुलना में 11,999 वोट मिले. 10,976 वोट पाकर रफीक इकबाल तीसरे स्थान पर रहे. बता दें कि छपरा नगर निगम के नए मेयर लक्ष्मी नारायण गुप्ता विश्व हिंदू परिषद के सारण जिला के मंत्री हैं.
बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले छपरा नगर निगम का उपचुनाव लालू यादव और तेज प्रताप यादव दोनों को तगड़ा झटका दिया है. आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने सुनीता देवी को वोट करने की अपील की था. वहीं, तेज प्रताप ने गुड्डू यादव का सपोर्ट किया था. उपचुनाव में सुनीता देवी को 10,797 वोट मिले. जबकि गुड्डू यादव को 3,286 वोट मिले. ये तो रही उपचुनाव की बात अब बात लालू के बेटी के यू टर्न की.
दरअसल, लालू की बेटी रोहिणी आचार्य एक्स पर एक पोस्ट किया. आचार्य के ट्वीट के बाद राजद और जदयू महागठबंधन में तनावपूर्ण और बढ़ गया. इसके बाद सीएम नीतीश कुमार ने रोहिणी आचार्य के ट्वीट को लेकर सख्त रुख अपनाया. साथ ही सारी जानकारी भी मंगवा ली. मामले ने जैसे ही तूल पकड़ा, रोहिणी ने अपना पोस्ट डिलीट कर दिया. दरअसल, सिंगापुर में रहने वाली रोहिणी आचार्य बिहार की राजनीति पर पैनी नजर रखती हैं. बिहार की हर खटपट को लेकर वह अपने विचार साझा करती रहती हैं.
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