Delhi Assembly: आज दिल्ली विधानसभा सत्र का दूसरा दिन है. सबसे पहले उपराज्यपाल वीके सक्सेना के अभिभाषण के साथ सदन की कार्यवाही शुरू हुई. इसके बाद दिल्ली सरकार ने कैग रिपोर्ट को पेश किया. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सदन में शराब नीति से जुड़ी कैग रिपोर्ट को विधानसभा में रखा. 14 कैग रिपोर्ट में से आज पहली कैग रिपोर्ट रखी गई है.
दिल्ली सरकार को नई शराब नीति से करीब 2000 हजार करोड़ का घाटा लगा. नई शराब नीति में पहले के एक व्यक्ति को एक लाइसेंस मिलता था, लेकिन नई नीति में एक शख्स को दो दर्जन से ज्यादा लाइसेंस ले सकता था. पहले दिल्ली में 60 फीसदी शराब की बिक्री 4 सरकारी कॉर्पोरेशन से होती थी, लेकिन नई शराब नीति में कोई भी निजी कंपनी रिटेल लाइसेंस ले सकती है. शराब बिक्री का कमीशन पांच फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी किया गया.
कैग रिपोर्ट में बताया गया है कि थोक का लाइसेंस शराब वितरक और शराब निर्माता कंपनियों को भी दे दिया गया, जो कि उल्लंघन था. नीति में कोई भी निजी कंपनी रिटेल लाइसेंस ले सकती है. लाइसेंस देने से पहले आर्थिक या आपराधिक कोई जांच नहीं की गई. लिक्वर जाइन के लिए 100 करोड़ के निवेश की जरूरत होती थी, लेकिन नई पॉलिसी में इसे खत्म कर दिया गया. कैग की रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि शराब लाइसेंस देने में राजनीतिक दखल और भाई-भतीजावाद हुआ.
विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता की टिप्पणी
कैग रिपोर्ट को लेकर दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट ने कैग रिपोर्ट को लेकर बेहद गंभीर टिप्पणी की थी. कैग रिपोर्ट को पेश करने में लापरवाही बरती गई थी. कैग रिपोर्ट को पिछली सरकार ने जानबूझ कर रोके रखा था. उपराज्यपाल के पास समय रहते रिपोर्ट को नहीं भेजा गया था. आज एक रिपोर्ट पेश की गई है, रिपोर्ट कई हैं. मैं चाहता हूं कि हर विभाग की कैग रिपोर्ट को पेश किया जाए.
बोले विधायक अरविंदर सिंह लवली
भाजपा विधायक अरविंदर सिंह लवली ने विधानसभा में बोलते हुए कहा कि मैं लंबे समय तक कांग्रेस पार्टी का भी हिस्सा रहा हूं. मैं दिल्ली सरकार का भी मंत्री रहा हूं. भगत सिंह ने क्या यह कहा था कि शराब घोटाले करके जेल जाओ. स्कूलों में घोटाले करो, हेल्थ में घोटाले करो. पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार का मुख्यमंत्री ऐसे विभाग का मंत्री बना दिया, जो है ही नहीं.