Rajsthan Election Results: 5 राज्यों में आज मतगणना हो रही है. ऐसे में राजस्थान और छत्तीसगढ़ कांग्रेस के हाथ से जाता नजर आ रहा है. अभी तक के आए आंकड़ों और रुझानों पर नजर डालें तों राजस्थान में पिछले 25 सालों से चला आ रहा रिवाज इस बार भी नहीं बदला और कांग्रेस के बाद एक बार फिर बीजेपी की सरकार बनती नजर आ रही है. राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का मोदी मैजिक के आगे फीका हो पड़ गया.
राजस्थान के शुरुआती रुझानों में बीजेपी ने बहुमत के जादुई आंकडे को पार कर लिया है. अभी तक के रुझानों के अनुसार 199 सीटों में से बीजेपी 112 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है. कांग्रेस 72 सीटों पर आगे है. वहीं, अन्य के खाते में 15 सीटें आती नजर आ रही है. इन सब के बीच इस बात की चर्चा शुरु हो गई है कि कांग्रेस के हाथ से राजस्थान कैसे फिसल गया. आइए आपको इसके पीछे के 5 कारणों पर प्रकाश डालते हैं.
बीजेपी का हिंदुत्व कार्ड आया काम
दरअसल, बीजेपी ने 200 विधानसभा सीटों वाले राजस्थान में एक भी मुस्लिम कैंडिेडेट को टिकट नहीं दिया था. हालांकि 2018 के चुनाव में बीजेपी ने टोंक से सचिन पायलट के खिलाफ युनूस खान को मैदान में उतारा था. इस बार बीजेपी ने इनका भी टिकट काट दिया. भाजपा यही नहीं रूकी, बीजेपी ने तीन मुस्लिम बहुल सीटों पर संतों को मौदैन में उतारा. जयपुर की हवा महल सीट से संत बाल मुकुंद आचार्य, अलवर की तिजारा सीट से बाबा बालकनाथ, पोकरण सीट से महंत प्रतापपुरी पर दांव लगाया.
अशोक गहलोत का जादू मोदी मैजिक के आगे नहीं टिका
कांग्रेस के हार का दूसरा कारण ये है कि बीजेपी ने राजस्थान के विधानसभा चुनाव में पीएम मोदी के चेहरे को आगे रखा और पीएम मोदी के ही चेहरे पर चुनाव लड़ा. बीजेपी की ओर से मुख्यमंत्री के चेहरे का ऐलान नहीं किया गया था. राज्य में पीएम मोदी ने 15 रैलियों को संबोधित किया था. वहीं, बीकानेर और जयपुर में पीएम मोदी का भव्य रोड शो भी हुआ था. चुनावी प्रचार के दौरान पीएम मोदी ने कांग्रेस को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर घेरा.
कन्हैयालाल हत्याकांड पर खेल गई भाजपा
राजस्थान के चुनाव में बीजेपी ने कन्हैयालाल हत्याकांड को मुख्य मुद्दे के तौर पर उठाया. इसी के माध्यम से बीजेपी ने कांग्रेस पर तुष्टीकरण का आरोप लगाया. दरअसल, जून 2022 में हुए उस हत्याकांड को लेकर बीजेपी ने इस राजस्थान विधानसभा चुनाव में सांप्रदायिक कार्ड खेलने की कोशिश की. राज्य के नेता ही नहीं बल्कि स्वयं पीएम नरेंद्र मोदी ने भी एक रैली के दौरान कन्हैया लाल की हत्या का जिक्र किया था और कहा था-कांग्रेस राजस्थान की परंपरा को खतरे में डाल रही है. पीएम मोदी के अलावा केंंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस हत्याकांड का कई बार जिक्र किया था.
पेपर लीक बना बड़ा मुद्दा
राजस्थान में पिछले समय में हुए कई पेपर लीक को बीजेपी ने एक बड़ा मुद्दा बनाया. ये मुद्दा राज्य की गहलोत सरकार के लिए गले की फांस बन गया. सचिन पायलट ने भी चुनाव से पहले अपनी ही सरकार को इस मुद्दे पर घेरा था. उन्होंने इस मामले में गहन जांच की बात कही थी. जानकारी दें कि पिछले कई सालों में कई परीक्षाओं के पेपर लीक हुए जिसका खामियाजा राज्य के लाखों बेरोजगारों को भुगतना पड़ रहा है. इस मु्द्दे को बीजेपी ने जोर शोर से चुनाव प्रचार में उठाया.
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लाल डायरी ने कांग्रेस को डुबोया
राजस्थान के विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने लाल डायरी को एक बड़ा मुद्दा बना दिया. चुनावी जनसभाओं में भाजपा ने कांग्रेस पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए लाल डायरी का जिक्र किया था. दरअसल, जुलाई के महीने में अशोक गहलोत के बर्खास्त मंत्री राजेंद्र गुढ़ा लाल डायरी लेकर विधासभा पहुंचे थे. उन्होंने इस दौरान गहलोत सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. इसको बीजेपी ने एक बड़ा मुद्दा बनाया औऱ कांग्रेस को घेरा. पीएम मोदी ने भी अपनी जनसभाओं के दौरान लाल डायरी का कई बार जिक्र किया था.
25 सालों का रिवाज कायम
1998 के बाद से राजस्थान में एक रिवाज देखा गया है कि हर चुनाव में सत्ता बदलती है, इतने सालों में यहां दो ही मुख्यमंत्री रहे. बीजेपी से वसुंधरा राजे और कांग्रेस से अशोक गहलोत. ये दोनों बारी-बारी से सीएम पद पर रहे हैं.